डॉ. सुधींद्र श्रृंगी
-एमडी आयुर्वेद
कोटा। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच लाखों लोगों ने आयुर्वेद के नुस्खों का बेजोड़ प्रयोग किया है। जब देश के बड़े-बड़े अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखी गई थी, तब लोगों को आयुर्वेदिक नुस्खों का काफी सहारा मिला। कुल मिलाकर कोविड में तमाम तरह के देसी उपचार ने लोगों का भरोसा जीता है। ऐसे में आज हम आपको आयुर्वेद की कुछ खास जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे हैं जिनके आपकी सेहत को तमाम तरह के लाभ मिलेंगे।
अश्वगंधा:अश्वगंधा को विथानियासोम्निफेरा (Withaniasomnifera) के रूप में भी जाना जाता है। आयुर्वेद में पीले फूलों वाले इस छोटे लकड़ी के पौधे का प्रयोग तमाम तरह की औषधियां बनाने में किया जाता है, जो आपको कई बीमारियों का इलाज में मदद कर सकती हैं। इसके सेवन से तनाव भी दूर होता है। अश्वगंधा वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स दोनों को बढ़ाने का काम करता है। जो कई गंभीर शारीरिक समस्याओं में लाभदायक है। इसके कई सेहत लाभ हैं।
-सर्दी-जुकाम में राहत पहुंचाए मजबूत होती हैं मांसपेशियां
-तेजी होती है याददाश्त
-पुरुषों की प्रजनन क्षमता (male fertility) को बढ़ाए
-नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर
हल्दी: हल्दी हर भारतीय घर की किचन में होती है। आमतौर पर इसका प्रयोग तमाम तरह की सब्जियों और दालों में रंग लाने के लिए किया जाता है लेकिन इसके कई स्वस्थ्य लाभ हैं। हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभावों (antioxidant and anti-inflammatory Effects) के लिए जाना जाता है। हल्दी शरीर में रक्त प्रवाह (blood flow) को बढ़ाने में भी मदद करती है और इस तरह की दिल की बीमारियों से हमारी रक्षा करती है। ये कई तरह से हमारे लिए लाभकारी है।
इलायची (Cardamom): इलायची का इस्तेमाल चाय से लेकर हर तरह के हलवा, खीर और मिठाइयों में किया जाता है। तमाम लोग इलायची वाला दूध भी पीना पसंद करते हैं। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस और कैल्शियम जैसे खनिज होते हैं। यह बेहतर पाचन और चयापचय सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।
इलायची में सूजन, मोटापे को रोकने में के गुण पाए जाते हैं। इसमें जीवाणुरोधी और एंटिफंगल गुण भी होते हैं, जो कील-मुंहासों के निशान को दूर करने में मदद करते हैं। इलायची के सेवन से यौन समस्या में भी सुधार हो सकता है, क्योंकि इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन हमेशा सामान्य बना रहता है और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।
जीरा (Cumin) : एक पत्तेदार पौधा जो जीरा जैसे बीज को पैदा करता है, यह अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जाना जाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट के गुण होते हैं जो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं और इसके सेवन से हम लंबे समय तक युवा दिखते हैं। जीरा का प्रयोग वैसे सब्जियों और दालों में तड़का लगाने के लिए किया जाता है।
रायते में जीरा का तड़का लगते ही मुंह में पानी आ जाता है। जीरा में एंटीकैंसर और हाइपोलिपिडेमिक गुण होते हैं जिसके सेवन से कोलन कैंसर को रोकने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। यह आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (central nervous system) को भी उत्तेजित कर सकता है और स्मृति को तेज करता है।
मुलेठी:आमतौर पर मुलेठी का इस्तेमाल पान में किया जाता है, लेकिन इसके सेवन के कई सेहत संबंधी लाभ भी हैं। रोजाना इसके सेवन से आवाज अच्छी होती है। मुलेठी सर्दी-जुकाम जैसी छोटी बीमारियों के साथ-साथ आपकी कई अन्य बड़ी बीमारियों में भी वरदान साबित हो सकती है। औषधीय गुणों सें भरपूर मुलेठी कैल्शियम, ग्लिसराइजिकऐसिड, ऐंटीऑक्सिडेंट, ऐंटीबायॉटिक, प्रोटीन और वसा के गुणों से भरपूर होती है।