मोदी सरकार ने धान सहित कई खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान लगातार दूसरे साल सरकार ने खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाया है। कैबिनेट की बैठक में खरीफ फसलों के नई MSP को मंजूरी दे दी। तिल की MSP 452 रु., तुअर और उड़द दाल की 300 रुपए बढ़ाई गई है। धान (सामान्य) की MSP पिछले साल के 1,868 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1,940 रुपए प्रति क्विंटल की गई है यानी 72 रुपए ज्यादा। नई MSP पर केंद्र के 25,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

पिछले साल 1 जून को 14 खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई गई थी। 2020-21 में धान की MSP को 1815 से बढ़ाकर 1868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया था। कृषि उपज की सरकारी खरीद, सीजन 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार है :  

फसल एमएसपी 2020-21 एमएसपी 2021-22 उत्पादन की लागत* 2021-22 (रुपये/ क्विंटल) एमएसपी में बढ़ोतरी (पूर्ण) 
धान (सामान्य) 1868 1940 1293 72 
धान (ग्रेड ए)^ 1888 1960 – 72 
ज्वार (हाइब्रिड) (हाइब्रिड)  2620 2738 1825 118 
ज्वार (मलडंडी)^ 2640 2758 – 118 
बाजरा 2150 2250 1213 100 
रागी 3295 3377 2251 82 
मक्का 1850 1870 1246 20 
तुअर (अरहर) 6000 6300 3886 300 
मूंग 7196 7275 4850 79 
उड़द 6000 6300 3816 300 
मूंगफली5275 5550 3699 275 
सूरजमुखी के बीज  5885 6015 4010 130 
सोयाबीन (पीली) 3880 3950 2633 70 
तिल 6855 7307 4871 452 
नाइजरसीड 6695 6930 4620 235             
कपास (मध्यम रेशा) 5515 5726 3817 211 
कपास (लंबा रेशा)^ 5825 6025 – 200 

बाजरे का MSP बढ़ाकर 2250 रुपए किया
बाजरा पर MSP बढ़ाकर 2150 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2250 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विगत 7 साल में किसान के पक्ष में बड़े निर्णय हुए हैं ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके और उनमें ख़ुशहाली आ सके। MSP 2018 से लागत पर 50% मुनाफा जोड़कर घोषित की जाती है।

क्या है MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइज?
MSP वह न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।

सरकार हर फसल सीजन से पहले सीएसीपी यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस की सिफारिश पर एमएसपी तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती है, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतों में गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।