राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व बूंदी में बनेगा

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बूंदी। राजस्थान को जल्द चौथा टाइगर रिजर्व मिलने वाला है। वन विभाग ने बूंदी जिले की रामगढ़ वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी को इसके लिए उपयुक्त मानते हुए राज्य सरकार को जो प्रस्ताव भेजा था, उस पर मुहर लगाते हुए इसे नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को भेजा गया है। अब वहां से एक टीम जल्द विजिट कर आगे की कार्रवाई करेगी।

इस तरह यह कांग्रेस सरकार में पहला और प्रदेश में चौथा टाइगर रिजर्व होगा। इससे पहले भाजपा सरकार ने 2016 में कोटा के मुकंदरा को तीसरा टाइगर रिजर्व घोषित किया था। रामगढ़ में टाइगर रिजर्व बनने से सबसे बड़ा फायदा रणथंभौर को होगा। क्योंकि यहां बाघों की संख्या बढ़ने से वर्चस्व की जंग तेज हो रही है।

रणथंभौर में अभी 73 बाघ हो गए हैं। इनमें से 20 से अधिक बाघ जंगल की सीमा लांघकर पेरिफिरी, गांवों और दूसरे राज्यों में पहुंच रहे हैं। इंसानों से भी संघर्ष बढ़ रहा है। इसके अलावा आपसी संघर्ष में भी कई बाघों की मौत हो चुकी है। नया टाइगर रिजर्व बनने से इन बाघों को नया घर मिल सकेगा। रणथंभौर का बहुत पुराना कॉरिडोर है। अब रामगढ़ में नया रिजर्व बनने के बाद पूरा कॉरिडोर तैयार होगा, जो करीब 300 किमी है। फिर आगे धौलपुर तक भी जुड़ेगा।

एक बाघ, 2 बाघिन छोड़ सकते हैं
एनटीसीए की टीम मौके पर जाकर बाघ सुरक्षा के हालात जांचेगी। सरकार अपना प्लान सौंपेगी। इसमें टाइगर ट्रांस-लोकेशन की स्थितियां भी शामिल होंगी। पहले ग्रास लैंड और शिकार बढ़ाना होगा। इसके बाद एक बाघ और दो बाघिन यहां छोड़े जा सकते हैं।

बाघों से पहले 150 चीतल यहां छोड़ेंगे
हमारी तैयारी रामगढ़ में टाइगर से पहले प्रेबेस की है, जिसके लिए पहले से हमने 150 चीतल छोड़ने की परमिशन ली हुई है। टाइगर रिजर्व होने से बड़ा फायदा रणथंभौर के बाघों को नया घर और सुरक्षा का होगा। प्रदेश की पहचान और टूरिज्म भी बढ़ेगा।-मोहनलाल मीणा, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन