नई दिल्ली। कोरोना के बीच अभिभावकों के लिए परेशानी करने वाली खबर है। राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला दिया था कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस 70% ही लें। इस फैसले के खिलाफ निजी स्कूल सुप्रीम कोर्ट गए थे और उन्होंने पूरी फीस लिए जाने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने पैरेंट्स की तरफ से लगाई गई याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है।
इस मामले पर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला आने का इंतजार कर रही है। इसके बाद ही तय होगा कि पैरेंट्स को कितनी फीस देनी होगी। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इस आदेश पर कहा- हम चाहते हैं कि कोर्ट की गरिमा भी रहे और अभिभावकों के साथ भी कोई अन्याय न हो।
राजस्थान हाईकोर्ट ने ऑनलाइन पढ़ाई पर दिया था फैसला
राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती ने निजी स्कूल फीस विवाद पर 18 दिसंबर 2020 को फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि जिन निजी स्कूलों ने कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई कराई है, वे ट्यूशन फीस का 70% ही फीस के तौर पर लेंगे। कोर्ट ने यह भी शर्त जोड़ी थी कि निजी स्कूल राजस्थान सरकार की 28 अक्टूबर 2020 को लागू की गई सिफारिशों के मुताबिक ही फीस ले सकेंगे।
राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश पर एक कमेटी बनाई थी, कमेटी ने अपनी सारी सिफारिशें 28 अक्टूबर को दी थींं। इन सिफारिशों में कहा गया था कि जो स्कूल ऑनलाइन क्लासेज चला रहे हैं, वे ट्यूशन फीस का 70% हिस्सा फीस के रूप में ले सकते हैं। स्कूलों के खुलने के बाद बोर्ड कोर्स तय करेगा, तब स्कूल उस कोर्स को पढ़ाए जाने की फीस ले सकेंगे।
इन सिफारिशों को निजी स्कूल और अभिभावकों ने मानने से इनकार कर दिया था। अभिभावकों ने स्कूलों 70% फीस को ज्यादा बताया था, जबकि निजी स्कूलों ने अभिभावकों से पूरी फीस लेने की मांग की थी।