नोखा। कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए दुकानें बंद करवाने का मामला सोमवार को गरमा गया। नोखा में पुलिस और व्यापारी आमने-सामने आ गए। मामला इतना बढ़ा कि नोखा थानाधिकारी के गिरेबान तक पर व्यापारियों ने हाथ डाल दिया। आरोप है कि थानाधिकारी अरविन्द सिंह के साथ धक्का-मुक्की की गई। पुलिस ने 2 व्यापारियों को हिरासत में लिया है। उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बाद में दुकानदारों की पिटाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
बीकानेर के नोखा में सोमवार को 11 बजे तक खुलने की अनुमति वाली दुकानों को बंद करवाने के लिए पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई थी। इस दौरान एक कृषि सामान की दुकान भी खुली थी। पुलिस ने चालान काट दिया। दुकान पर बैठे कर्मचारी ने बताया कि उसके पास चालान के रुपये नहीं हैं। कर्मचारी ने दुकान मालिक रामरतन जाखड़ को फोन किया। कुछ ही देर में दुकान पर पहुंचकर रामरतन जाखड़ ने चालान की कार्रवाई का ही विरोध करना शुरू कर दिया।
काफी संख्या में अन्य व्यापारी भी पहुंच गए। धीरे-धीरे मामला तूल पकड़ने लगा। थानाधिकारी अरविन्द सिंह ने दुकानदार को डांटा। इतने में व्यापारी भी आक्रोशित हो गए। दोनों पक्ष आमने-सामने हुए। इस दौरान किसी ने थानाधिकारी अरविन्द सिंह का गिरेबान पकड़ लिया। इतनी जोर से कॉलर खींची कि बटन तक टूट गए। आरोप है कि इस दौरान व्यापारियों के साथ भी जोर जबरदस्ती की गई।
व्यापारियों का कहना है कि अधिकांश दुकानें 11 बजे बंद हो रही हैं। कभी कोई दुकान मालिक इधर-उधर गया हुआ है तो दुकान बंद करने में 10 मिनट विलंब भी हो सकता है। लॉकडाउन के कारण व्यापारियों की हालत खराब है। ऐसे में पुलिस को भी थोड़ा संवेदनशील होकर काम करना पड़ेगा। व्यापारियों के साथ सख्ती से पेश आने की बजाए थोड़ा धैर्य से काम लेना चाहिए।
नोखा वृताधिकारी नेम सिंह का कहना है कि कोई खास बात नहीं हुई। दुकान बंद करने को लेकर कहासुनी हो गई थी। उन्होंने नोखा थानाधिकारी से किसी तरह की अभद्रता से भी इंकार किया है। मामले में एफआईआर को लेकर भी वृताधिकारी ने अनभिज्ञता जताई। दैनिक भास्कर ने नोखा थानाधिकारी अरविन्द सिंह से भी बात करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने बात नहीं की।