जयपुर। प्रदेश की राजधानी जयपुर के सबसे बड़े राजकीय सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में बड़ी लापरवाही बरतने का मामला प्रकाश में आया है। अस्पताल प्रशासन ने मौत के बाद महिला के शव की बजाय किसी अजनबी पुरुष का शव परिजनों को PPE किट में पैक करके थमा दिया। परिजन शव को अजमेर जिले के पाटन गांव तक ले आए। तभी परिजनों ने किट के ऊपर पुरुष का नाम लिखे होने पर शव देखा तो वापस जयपुर अस्पताल पहुंचे और शव बदलवाया। यह सारा घटनाक्रम गुरुवार का है।
यह था मामला अजमेर जिले के ग्राम बूबानी निवासी 45 वर्षीय रतनी देवी को 21 अप्रैल को बीमार होने पर सावंत्सर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला की हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर के SMS अस्पताल रैफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। कोरोना महामारी को देखते हुए कोविड प्रॉटोकोल के तहत 22 अप्रैल गुरुवार को अस्पताल प्रशासन ने शव को पीपीई किट में पैक करके परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
बीच रास्ते में चला पता
परिवार के सदस्य एंबुलेंस किराए पर बुक कर महिला का शव जयपुर से लेकर किशनगढ़ अपने गांव के लिए रवाना हो गए। बांदरसिंदरी थाना क्षेत्र के पाटन गांव के निकट पहुंचते ही परिवार के सदस्यों ने लघुशंका के लिए एंबुलेंस को रूकवा लिया। जब परिजन वापस एंबुलेंस में चढ़े तो महिला के पुत्रों की नजर PPE किट पर पड़ी। पीपीई किट पर पुरुष का नाम लिखा था। इसकी जानकारी पुत्र ने जेठ मदन मलूका को दी। परिजनों ने पीपीई किट की पैकिंग को हटाकर खोलकर देखा तो दंग रह गए। किट में पुरुष का शव मिला।
वापस लौटे और बदलवाया
महिला की जगह पुरुष का शव देख परिवार के सदस्यों को कुछ समझ नहीं आया कि क्या हो गया? परिजन एंबुलेंस चालक को कहकर फिर से जयपुर के लिए रवाना हो गए। एसएमएस अस्पताल पहुंचकर अस्पताल प्रशासन को उनके द्वारा बरती गई लापरवाही के बारें में बताया। अस्पताल प्रशासन ने इसे सामान्य भूल मानते हुए पुरुष का शव कब्जे में ले लिया और महिला का शव पीपीई किट में डालकर परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिजन शव लेकर गांव में पहुंचे और अंतिम संस्कार कराया।