नोटबंदी की वजह से देश के कई हिस्सों में सक्रिय माओवादी और कश्मीर के अलगाववादियों को फंड का टोटा पड़ गया है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के आंकड़ों पर आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट जारी होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी से नकली नोटों का पता चला है इसका उद्देश्य कैश लेन-देन को कम करना था। कालेधन पर लगाम के लिए नोटबंदी जैसा कदम जरूरी था।
धन जब्त करना नोटबंदी का उद्देशय नहीं था। इसका असर अलगाववादियों, आतंकवाद और नक्सलियों पर पड़ा। वहीं इससे डायरेक्ट टैक्स में भारी बढ़ोत्तरी हुई।
चुनावों में इस्तेमाल होने वाले कालेधन के इस्तेमाल पर जेटली ने बताया कि सरकार का अगला कदम अब चुनावों में ब्लैक मनी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से लगाम लगाना है।’
गौरतलब है कि आरबीआई ने आज नोटबंदी के आंकड़ों की रिपोर्ट देश के सामने रखी। जिसमें बताया गया कि इस फैसले से 99 फीसदी पुराने नोट वापस आए जिनकी वैल्यू 15.44 लाख करोड़ है। नोटबंदी के बाद सिस्टम का लगभग सारा पैसा बैंकों में वापस आ गया।
वहीं नोटबंदी के बाद नए नोटों की छपाई पर हुए खर्च के बारे में बताया कि इन्हें छापने में अब तक सरकार के 7,965 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
इससे पहले नोटबंदी को लेकर जेटली ने कहा था कि नोटबंदी की वजह से देश के कई हिस्सों में सक्रिय माओवादी और कश्मीर के अलगाववादियों को फंड का टोटा पड़ गया है। उन्होंने कहा था कि इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी करने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या घट गई है।