नयी दिल्ली। पिछले वित्त वर्ष में कुल 7,62,072 जाली नोट पकड़े गये जो वित्त वर्ष 2015-16 में पकड़े गये 6.32 जाली नोटों की तुलना में 20.4 प्रतिशत अधिक है।
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2016-17 के वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी। रिजर्व बैंक की रपट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष में नोटबंदी के बाद पांच सौ रुपये और एक हजार रुपये के जाली नोट तुलनात्मक रूप से अधिक संख्या में पकड़े गये।
बैंक ने कहा कि नोटबंदी के बाद जाली भारतीय करेंसी नोट एफआईसीएन के अनुपात का देश भर में आकलन करने का अभियान चालाया गया। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस अभियान से पता चला है कि करेंसी चेस्ट स्तर पर प्रति दस लाख नोट में 500 रुपये के 7.1 नकली नोट तथा एक हजार रुपये 19.1 नकली नोट पकड़े गए।
यह औसत रिजर्व बैंक की मुद्रा जांच एवं प्रसंस्करण प्रणाली के औसत से ऊँचा है। वर्ष 2015-16 के दौरान रिजर्व बैंक की जांच प्रणाली में प्रति दस लाख नोट में 500 रुपये के 2.4 तथा एक हजार रुपये के लिए 5.8 नोट नकली पाए गए जो 2016-17 में बढ़कर क्रमशः 5.5 और 12.4 के स्तर पर पहुंच गए।