प्रॉपर्टी डीलर या कॉलोनाइजर जिन दरों पर रजिस्ट्री कराते हैं, उनके हिसाब से डीएलसी का आकलन करना ठीक नहीं है।
कोटा। जिले की कृषि, आवासीय एवं वाणिज्यिक भूमि की डीएलसी दर निर्धारित करने के लिए बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित टैगोर हाल में डीएलसी कमेटी की बैठक हुई। बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों सहित शहर के जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में प्रशासन ने कई कॉलोनियों में 40 से 50 फीसदी तक डीएलसी दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई।
बैठक में मौजूद कोटा उत्तर विधायक प्रहलाद गुंजल कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की एक-एक कॉलोनी की प्रस्तावित डीएलसी देखी और कहा कि दरें बहुत ज्यादा हैं। गरीब आदमी रजिस्ट्री कराने का सपना भी नहीं देख सकता। दरें आमजन के हित में हो।
प्रशासन की तरफ से बताया गया कि अंतिम डीएलसी 2015 में तय की गई थी, उसके बाद दो साल से डीएलसी नहीं बढ़ी है। राज्य सरकार के नियम हैं कि हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए। इस पर विधायकों ने कहा कि न्यूनतम दो साल के हिसाब से 20 फीसदी की वृद्धि की जा सकती है, लेकिन कई कॉलोनियां बस्तियां ऐसी हैं, जहां यह भी ज्यादा है।
कॉलोनाइजर्स के हिसाब से आंकलन सही नहीं : संदीप शर्मा
प्रशासनने यह भी कहा कि नए कोटा क्षेत्र की कई कॉलोनियों में अभी से 50 से 70 प्रतिशत तक ज्यादा दर पर रजिस्ट्रियां हो रही है, जाहिर है इन जमीनों की कीमत ज्यादा है। ऐसे में दरें बढ़ाना तर्कसंगत है। विधायकों ने कहा कि हमें गरीबों को भी ध्यान में रखना होगा।
प्रॉपर्टी डीलर या कॉलोनाइजर जिन दरों पर रजिस्ट्री कराते हैं, उनके हिसाब से डीएलसी का आकलन करना ठीक नहीं है। विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने भूखंड, मकानों की रजिस्ट्री नहीं करवा पाए। जिनको पूर्व निर्धारित दरों पर ही रजिस्ट्री करवाने के लिए समय दिया जाए।
बैठक में महापौर, यूआईटी अध्यक्ष, एडीएम, उप पंजीयक, न्यास सचिव आदि मौजूद थे। से 20 फीसदी की वृद्धि की जा सकती है, लेकिन कई कॉलोनियां बस्तियां ऐसी हैं, जहां यह भी ज्यादा है।