मुंबई। एंटीलिया केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को पूर्व API सचिन वझे को स्पेशल कोर्ट में पेश किया। जांच एजेंसी की मांग पर कोर्ट ने वझे की कस्टडी 9 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। पेशी के दौरान सचिन वझे ने अदालत के सामने एक लिखित बयान पेश किया। यह बयान उसने NIA की कस्टडी के दौरान दिया था। इसमें सचिन वझे ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनिल परब पर भी अवैध वसूली के लिए कहने का आरोप लगाया है।
लिखित बयान में वझे ने यह भी कहा है कि वसूली कांड की पूरी जानकारी अनिल देशमुख के PA को थी। सचिन वझे ने अपने बयान में कहा कि NCP चीफ शरद पवार ने उनकी बहाली का विरोध किया था। वे चाहते थे कि वझे की बहाली रद्द कर दी जाए। सचिन वझे ने NIA को दिए बयान में कहा, ‘मैंने 6 जून 2020 को दोबारा ड्यूटी ज्वाॅइन की थी। मेरी ड्यूटी की ज्वॉइनिंग से शरद पवार खुश नहीं थे। उन्होंने मुझे दोबारा सस्पेंड करने के लिए कहा। ये बात मुझे खुद अनिल देशमुख ने बताई थी। उन्होंने मुझसे पवार साहब को मनाने के लिए 2 करोड़ रुपए भी मांगे थे। इतनी बड़ी रकम देना मेरे लिए मुमकिन नहीं था। इसके बाद गृह मंत्री ने मुझे इसे बाद में चुकाने को कहा। इसके बाद मेरी पोस्टिंग मुंबई के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में हुई।’
सचिन वझे ने मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘इसके बाद अक्टूबर 2020 में अनिल देशमुख ने मुझे सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बुलाया। उससे पहले ही जुलाई-अगस्त 2020 में महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया था। इसी सप्ताह DCP पद पोस्टिंग को लेकर इंटरनल आर्डर भी दिए गए थे।’
वझे ने आगे बताया कि मीटिंग के दौरान अनिल परब ने मुझसे कहा SBUT ( Saifee Burhani Upliftment Trust) कंप्लेंट पर ध्यान दो] जो कि एक प्रीलिमिनरी स्टेज पर थी। साथ ही मुझे बोला गया कि मैं SBUT के ट्रस्टी से इन्क्वायरी बंद करने के लिए सौदेबाजी करूं और इसके लिए 50 करोड़ की रकम की डिमांड करूं।
उन्होंने मुझे रकम के लिए शुरुआती बात करने के लिए भी कहा, लेकिन मैंने ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि मैं SBUT में से किसी को भी नही जानता हूं और इस इन्क्वायरी से भी मेरा कोई लेना देना नहीं था। अनिल परब के साथ हुई एक और मुलाकात का जिक्र करते हुए वझे ने कहा, ‘जनवरी 2020 में मंत्री अनिल परब ने दोबारा मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया और BMC में लिस्टेड Praudulant contractor के खिलाफ जांच की कमान संभालने को कहा।
मंत्री अनिल परब ने इसी तरह की 50 लिस्टेड कंपनियों में से हर कंपनी से 2 करोड़ रुपए लेने के लिए कहा। क्योंकि एक शिकायत पर इन कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही थी, जो शुरुआती दौर में थी।’
अनिल देशमुख ने वसूली करने को कहा
जनवरी 2021 में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया। तब उनके PA कुंदन भी वहां मौजूद थे। इसी समय मुझसे मुंबई में 1650 पब, बार मौजूद होने और उनसे हर महीने 3 लाख रुपए के कलेक्शन की बात कही गई। इस पर मैंने गृहमंत्री अनिल देशमुख से कहा कि शहर में 1650 बार नहीं, सिर्फ 200 बार है।
आगे सचिन वझे ने बताया कि मैंने गृह मंत्री को इस तरह बार से पैसा इकट्ठा करने से भी मना कर दिया था, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि ये मेरी क्षमता से बाहर की बात है। तब गृहमंत्री के PA कुंदन ने मुझे कहा था कि अगर मैं अपनी जॉब और पोस्ट को बचाना चाहता हूं, तो वही करूं, जो गृहमंत्री कह रहे है।
परमबीर सिंह को बताई वसूली के पूरे खेल की पूरी कहानी
पत्र के आखिर में वझे ने बताया,’इसके बाद ये बात मैंने तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह को ये पूरी बात बता दी थी.और ये भी कहा था कि आने वाले भविष्य में मुझे किसी कंट्रोवर्सी में फंसा दिया जाएगा। इसके बाद तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुझे किसी भी अवैध वसूली में शामिल होने से मना कर दिया था।’ पत्र के आखिर में वझे ने लिखा- जज साहब मैं यह बातें आपके सामने इसलिए ला रहा हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि मुझे न्याय मिले।
देशमुख के साथ अनिल परब भी CBI की रडार पर
सचिन वझे के इस खुलासे के बाद पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा को फिर से महाराष्ट्र सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। वझे का यह बयान मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के देशमुख पर लगाए 100 करोड़ की वसूली के आरोप की पुष्टि करते हैं। इस मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम मुंबई पहुंच चुकी है, माना जा रहा है कि कुछ घंटे में वह सचिन वझे से पूछताछ कर सकती है। वझे के खुलासे के बाद अब CBI की रडार पर मंत्री अनिल परब भी आ चुके हैं।
मुझे पर लगे आरोप झूठे हैं:परब
वझे के आरोप के बाद मंत्री अनिल परब मीडिया के सामने आये और कहा कि मैं अपनी दो बेटियों की कसम खाता हूं, मैं बालासाहेब की कसम खाता हूं, मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। यह मुझे बदनाम करने की कोशिश है। बीजेपी नेता दो-तीन दिन से चिल्ला रहे थे। वह एक और शिकार की बात कह रहे थे। उन्हें इस मामले की जानकारी पहले से थी। भाजपा को पहले से ही पता था कि सचिन वझे आज एक पत्र देने वाले हैं, इसलिए वह ‘तीसरा विकेट लेंगे’ जैसी बात कर रहे थे। नगर निगम के ठेकेदार से मेरा कोई परिचय नहीं है। इसलिए मैं आज किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं।
परब ने कहा कि सचिन वझे ने पहले मेरा नाम क्यों नहीं लिया? वह एक बार की आया और एक लेटर लिखा। यह साबित करता है कि वह सरकार को बदनाम करना चाहता है। मैं इस मामले में किसी भी जांच और नार्को टेस्ट के लिए गुजरने को तैयार हूं।