कोटा। 60 वर्ष पुराने कोटा बैराज (Dam) के हाल जानने के लिए रोबोट को पानी के अंदर 80 मीटर गहराई में उतारा गया है। राेबाेट बांध की जांच कर बताएगा कि कहां दीवार कमजोर है और कहां मरम्मत की जरूरत है। हाल ही में सरकार ने बांधों की मरम्मत के लिए बजट जारी किया है।
सीएडी (Command Area Development) विभाग अब तक कोटा बैराज सहित चंबल के बांधों के अंदर की दीवाराें और गेटाें की जांच मैनुअली करवाता था। इसमें काफी समय लगने के साथ ही पूरी स्थिति भी स्पष्ट नहीं हो पाती थी। विभाग ने अब यह काम राेबाेट को सौंप दिया है। राेबाेट से बांध की आंतरिक दीवारों व गेटों की जांच करवाई जा रही है। राणा प्रताप सागर व जवाहर सागर में यह काम पूरा हो चुका है। इसके बाद अब कोटा बैराज में राेबाेट को उतारा गया है।
अधिकारियों का कहना है कि पानी में 60 से 80 मीटर तक की गहराई में जाकर खराबी या टूटफूट के बारे में पता लगाना किसी गोताखोर के लिए इतना आसान नहीं है। वहीं नियमों के तहत एक बार में 20 मिनट ही किसी व्यक्ति को इतने गहरे पानी में रखा जा सकता है, ताकि उसकी बाॅडी में कोई साइड इफेक्ट न हो।
बैराज के अधिकारियों ने बताया कि इस समय काेटा बैराज की राेबाेट से जांच करने वाली टीम उतराखंड व हिमाचल प्रदेश में बने बांधाें की जांच कर चुकी है। इनके द्वारा राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर की जांच पूरी कर ली है और काेटा बैराज की कुछ जांच पूरी हाे गई है। टीम के दाेबारा आने पर बांधाें की जांच का काम शुरू कर दिया जाएगा।
पानी के अंदर की लाइव फाेटाे और वीडियाेग्राफी
राेबाेट में हाई क्वालिटी के वाटर पूफ्र कैमरे लगे हैं जो पानी की गहराई में जाकर वहां से साफ वीडियो बना सकते हैं तथा फोटो भी खींच सकते हैं। पानी के अंदर से ही यह राेबाेट बाहर कंट्रोल रूम से कनेक्ट रहता है। राेबाेट पानी में जहां से होकर भी गुजर रहा होता है, वहां की बांध की दीवारों व गेटों का लाइव वीडियो कंट्रोल रूम को मिलता रहता है। राेबाेट को चेन्नई से आई टीम ऑपरेट कर रही है।
जरूरी कामों की तैयार होगी रिपोर्ट: राेबाेट के बनाए वीडियो व तस्वीरों के आधार पर बांध की मरम्मत के कामों के लिए रिपोर्ट तैयार की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से हाल ही में जारी किए गए बजट में वर्ल्ड बैंक के माध्यम से बांधों की मरम्मत की घोषणा की गई थी।