पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बाद अब साबुन भी महंगा, 15% तक बढ़े दाम

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  • 6 माह में पाम ऑयल का दाम 25 से 30 फीसदी बढ़ा
  • 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है भारत सलाना
  • 8 फीसदी की वृद्धि संतूर ब्रांड साबुन की कीमत में
  • 6 से 14 फीसदी की बढ़ोतरी हिन्दुस्तान यूनिलिवर ने की
  • 22 से 25 रुपया हुआ लाइफबॉय टोटल साबुन की कीमत

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में वृद्धि के बाद अब कोरोना काल में घटी कमाई के बीच आम आदमी पर महंगाई की एक और मार पड़ी है। एफएमसीजी कंपनियों ने साबुन की कीमतों में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। कंपनियों का कहना है कि पाम तेल की बढ़ती लागत के मद्देनजर यह बढ़ोतरी की गई है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी कंपनियों ने साबुन की कीमत में बढ़ोतरी की है। विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग जो संतूर को साबुन का ब्रांड बनाती है, ने कहा कि उसने अपने साबुन के दाम में पिछले तीन से चार महीनों में 8% की बढ़ोतरी की है। विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग के सीईओ विनीत अग्रवाल ने बताया कि साबुन बनाने में इस्तेमाल होने वाला पाम ऑयल एक प्रमुख घटक है। पाम ऑयल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

इसके चलते हमे साबुन की कीमत में बढ़ोतरी करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय माल ढुलाई लागत में वृद्धि ने मलेशिया और इंडोनेशिया से पाम ऑयल के आयात करने की लागत को बढ़ा दिया है। इसके साथ कोरोना के दौरान मलेशिया में पाम ऑयल के फसलों का उत्पादन प्रभावित किया है। इससे पाम ऑयल की कीमत तेजी से बढ़ी है। इसका असर साबुन उत्पादन लागत पर आया है। अग्रवाल ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि पाम ऑयल की कीमतें स्थिर होंगी क्योंकि अधिक कीमत बढ़ने से मांग प्रभावित हो सकती है।

नौ साल के उच्चतम स्तर पर पाम ऑयल
पाम ऑयल की कीमत नौ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। कोरोना के बावजूद हैंड वॉशिंग साबुन का इस्तेमाल बढ़ा है। इससे पाम ऑयल की मांग में जबरदस्त उछाल आया है। इस साल भी मांग बनी रहने की उम्मीद है। इसके चलते पाम ऑयल कीमत और बढ़ सकती है जिसका असर साबुन के उत्पादन पर आएगा। लागत बढ़ने से कंपनियां कीमत बढ़ाएंगी।

छह महीने में और उछाल की आशंका
जेफरीज के विश्लेषकों ने 3 मार्च को कंपनी की एक रिपोर्ट में कहा कि भारत की शीर्ष पैकेज्ड कंज्यूमर गुड्स कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने पिछले छह महीनों में चुनिंदा साबुन पैक में 6-14% की बढ़ोतरी की है। वहीं, दूसरे कई ब्रांड ने 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। कंपनियों का कहना है कि अगले छह महीने भारी रहने वाले हैं। पाम ऑयल और क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ोतरी से उत्पादन लागत बढ़ेगी।

लाइफबॉय-डव की कीमत में बढ़ोतरी
कंपनियों ने सभी तरह के साबुन की कीमतों में बढ़ोतरी की है। उदाहरण केल लिए लाइफबॉय टोटल (125 ग्राम) की कीमत 22 रुपये से बढ़कर 25 रुपये हो गई है। वहीं तीन साबुन पैव वाले डव की कीमत 150 रुपये से बढ़कर 160 रुपये पहुंच गई है।