अब नहीं देना होगा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट, जानिए क्यों

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    नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेटर्स की मान्यता के लिए एक मसौदा अधिसूचना जारी किया है, जिसमें ऐसे केंद्रों से ड्राइविंग ट्रेनिंग सफलता पूर्वक संपन्न करने वाले व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी।

    सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक ऐसी योजना लाने पर विचार कर रहा है जिसमें लाइसेंस के लिए ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। इस बारे में मंत्रालय ने लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। मंत्रालय का मानना है कि इस कदम से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को स्पेशल ट्रेन्ड ड्राइवर्स मिलेंगे इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया भी पहले से और आसान हो जाएगी। कुशल चालकों द्वारा वाहन चलाने से रोड एक्सीडेंट की संख्या में भी कमी आएगी।

    जानकारी के अनुसार आधिकारिक विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि बीते 29 जनवरी को सार्वजनिक परामर्श के लिए मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर मसौदा अधिसूचना अपलोड किया गया है और इसे जल्द ही औपचारिक रूप से जारी किया जाएगा। ये नोटिफिकेशन उस वक्त आया है जब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 18 जनवरी से 17 फरवरी, 2021 तक मनाया जा रहा है। जो कि हर साल 11 जनवरी से 17 जनवरी के बीच मनाया जाता था।

    फिलहाल, देश के कई राज्यों जैसे दिल्ली एनसीआर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड में ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डिजिटल प्रॉसेस शुरू कर दिया गया है। इस प्रक्रिया के दौरान आवेदक ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे और ऑनलाइन टेस्ट के लिए स्लॉट बुक करेंगे। आवेदक ऑनलाइन ही ड्राइविंग लाइसेंस शुल्क को जमा भी कर सकते हैं।

    सरकार देश में रोड सेफ्टी को लेकर खासा सतर्क नजर आ रही है। मंत्रालय एक विशेष रोड सेफ्टी सिस्टम पर काम कर रहा है जो देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं में घायल लोगों के लिए तत्काल उपचार पहुंचाने का काम करेगा। यह एक तरह की सुरक्षा प्रणाली की तरह काम करेगा। जो कि हाईवे पर होने वाली किसी भी तरह के एक्सीडेंट के दौरान तत्काल पुलिस और एम्बुलेंस सर्विसेज को सूचना देगा। ये सिस्टम ये सुनिश्त करेगा कि मौके पर पहुंचने वाला एम्बुलेंस ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) से लैस होगा ताकि घायल को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचाया जा सके।