मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में इस बार भी मुख्य ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद नहीं है। तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हो गई है। जो भी फैसला होगा, उसकी घोषणा शुक्रवार 5 फरवरी को होगी।
यूं तो MPC की बैठक हमेशा महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इसमें तय की गई मुख्य ब्याज दर के आधार पर ही सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों की जमा और लोन दरें तय की जाती हैं। लेकिन इस बार की बैठक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि यह बजट के तुरंत बाद हो रही है। इसलिए RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास बजट पर भी कुछ टिप्पणी कर सकते हैं।
MPC में 6 सदस्य होते हैं। 3 सरकार के प्रतिनिधि होते हैं और 3 सदस्य RBI का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल हैं। सरकार के प्रतिनिधियों में अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिड़े शामिल हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक MPC की बैठक में मुख्य ब्याज दरों में किसी भी प्रकार का बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। सोमवार को पेश आम बजट फैसले को प्रभावित कर सकता है। बजट के बारे में शक्तिकांत दास की टिप्पणी पर विश्लेषकों की नजर रहेगी।
4% है अभी रेपो रेट
अभी RBI का रेपो रेट 4% है, जो ऐतिहासिक रूप से सबसे कम है। इससे पहले आखिरी बार यह दर 22 मई को बदली गई थी। यह बदलाव MPC बैठक के बिना ही किया गया था। पिछले साल फरवरी से लेकर अब तक RBI ने रेपो रेट में कुल 1.15% की कटौती कर दी है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रिंसिपल इकॉनोमिस्ट और डायरेक्टर पब्लिक फाइनेंस सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि आर्थिक विकास ज्यादा जरूरी है, इसलिए रेपो दर बढ़ाए जाने की उम्मीद नहीं है। महंगाई भी घटी है।
4.59% पर आ गई है महंगाई दर
दिसंबर 2020 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर घटकर 4.59% पर आ गई है। नवंबर में खुदरा महंगाई दर 6.93% थी। खुदरा महंगाई दर के आधार पर ही RBI अपनी मुख्य ब्याज दर तय करता है। अभी RBI ने 5 अगस्त 2016 से 31 मार्च 2021 तक खुदरा महंगाई दर को औसत 4% (2% घट-बढ़ की गुंजाइश के साथ) पर रखने की जिम्मेदारी ली है।