कोटा। 10 महीने बाद सोमवार से देश के सबसे बड़े कोचिंग हब कोटा में एक बार फिर कोचिंग क्लासेस शुरू हो गई हैं। इसके लिए शहर के व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों के साथ-साथ होस्टल्स और कोचिंग संस्थानों की एसोसिएशन लगातार प्रयासरत थीं।
कोटा में 10 बड़े व 50 छोटे साइज वाले कोचिंग संस्थान शुरू हो गए जिनके लिए देशभर के करीब 1.50 लाख छात्र आईआईटी, जेईई और नीट (IIT, JEE and NEET) की तैयारी के लिए शहर में पहुंचते हैं।
कोटा में करीब 3000 करोड़ का कोचिंग उद्योग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 2 लाख लोगों को रोजगार देता है। पिछले 10 महीने तक कोचिंग संस्थान बंद रहने से इन सभी की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस महामारी के कारण गड़बड़ाई है।
सभी कोचिंग संस्थानों के मालिक कोचिंग संस्थानों को एक नए औतार में शुरू कर एक बार फिर से आज से उठ खडे होने को तैयार हो चुके हैं। सोमवार को जब कोचिंग संस्थान खुले तो सभी छात्र सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपनी कक्षाओं में बैठे नजर आए।
कोटा के मोशन एजुकेशन के डायरेक्टर नितिन विजय ने कहा, “कोटा में आज से कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल्स में क्लासेस थर्मल स्कैनिंग, हैंग सैनिटाइजेशन, 33 फीसदी छात्र, सैनिटाइजेशन समेत सभी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए शुरू हो चुकी हैं।”
एलन करियर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर राजेश महेश्वरी ने कहा, “एक बेंच में सिर्फ एक ही छात्र को बैठने की अनुमति दी जा रही है जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके। “कोरोना वायरस की सभी एसओपी का पालन करते हुए अपनी एक कैम्पस बिल्डिंग में हमने 31 बेड वाला एक अस्पताल भी बताया है जिसमें लाइसेंस वाला अस्पताल चल सकेगा। इसमें 7 इन हाउस डॉक्टर व अन्य बाहरी डॉक्टर की अपनी सेवाएं देंगे।” उन्होंने बताया कि क्लासेस को ऑटो सैनिटाइज करने के लिए अल्ट्रा वायलेट लाइटें भी लगाई गई हैं। संस्थानों के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन की सुविधा भी की गई है।
चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष शुभम अग्रवाल ने कहा, ” हास्टल्स में एक रूम में सिर्फ एक ही छात्र को ठहरने की अनुमति है, छात्रों को रूम शेयर करने की अनुमति नहीं है।” राजस्थान में स्कूल और कोचिंग संस्थानों के खुलने को लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि छात्रों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। सभी संस्थानों में कोरोना एसओपी का कड़ाई के साथ पालन किया जाएगा।