सीए मिलिंद विजयवर्गीय
कोटा। आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख बेहद करीब आ चुकी है और अगर आप अब भी आईटीआर फाइल करने से चूके तो आपको पेनाल्टी चुकानी होगी। बात जब आईटीआर (Income Tax Return) की होती है तो इसे फाइल करना सबसे आसान होता है नौकरीपेशा के लिए, जिसकी कंपनी का एचआर आयकर रिटर्न फाइलिंग को बहुत आसान बना देता है।
कंपनी की तरफ से सैलरी, इन्वेस्टमेंट, डिडक्शन और छूट तक सब कुछ फॉर्म-16 (Form-16) में दिया होता है। यानी सिर्फ फॉर्म-16 देखते जाइए और आईटीआर भरते जाइए। लेकिन अगर आप होती है फ्रीलांसर या फिर किसी यूट्यूब चैनल चलाने वाले की तो उसके लिए आईटीआर फाइल करना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों को अलग-अलग फॉर्म भरना होता है।
फ्रीलांसर-यूट्यूबर को भरना होता है आईटीआर-4
अगर आप फ्रीलांस काम करते हैं या फिर अपना यूट्यूब चैनल चलाते हैं या फिर कोई कंसल्टेंट हैं तो आपको आईटीआर-3 या फिर आईटीआर-4 फॉर्म भरना होगा। आईटीआर-3 फॉर्म उन्हें भरना होगा जिनकी कमाई बिजनस से या फिर प्रोफेशन से होती है। वहीं 2016-17 वित्त वर्ष से प्रोफेशनल्स प्रीजम्प्टिव टैक्सेशन का विकल्प चुन सकते हैं और आईटीआर-4 के तहत अपनी ग्रॉस रिसीप्ट का 50 फीसदी अपनी आय दिखा सकते हैं।
क्लेम कर सकते हैं अपने खर्चे
अगर आप फ्रीलांसिंग करते हैं और आपने अपने काम के लिए कुछ सामान भी खरीदा है तो आप अपना टैक्स का बोझ घटाने के लिए अपने खर्चों को भी क्लेम कर सकते हैं। ये खर्चे रेंट, रिपेयर, डेप्रिसिएशन, ऑफिस के खर्चे, ट्रैवलिंग के खर्चे और यहां तक की खाने, एंटरटेनमेंट और हॉस्पिटेलिटी के खर्चे भी हो सकते हैं। इन खर्चों के क्लेम से आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाएगी, जिससे टैक्स का बोझ भी कम हो जाएगा।
आपको भी मिलते हैं कुछ डिडक्शन
अगर आपने अपने या अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लिया है या फिर आप जिस घर में रहते हैं वह किराए का है तो आप इन्हें डिडक्शन में दिखा सकते हैं। साथ ही अगर आपने कोई टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट की है, जैसे एफडी या म्यूचुअल फंड में कोई निवेश तो उसे भी दिखा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप पीपीएफ आदि में भी पैसे जमा करते हैं तो आप इन्हें 80सी के तहत क्लेम कर सकते हैं, जिससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाएगी।