1 जनवरी से खत्म हो जाएगी लाइफ इंश्योरेंस चुनने की समस्या, क्यों जानिए

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नई दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सभी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को 1 जनवरी से एक स्टैंडर्ड इंडिविजुअल टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने का निर्देश दिया है। इस प्रॉडक्ट का नाम ‘सरल जीवन बीमा’ होगा। इस नाम के पहले इसे उपलब्ध कराने वाली कंपनी का भी नाम जुड़ा होगा। स्टैंडर्ड इंडिविजुअल टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का मैक्सिमम सम अस्योर्ड 25 लाख रुपए का होगा। हम आपको इस पॉलिसी के बारे में बता रहे हैं।

सरल जीवन बीमा पॉलिसी 18 साल से 65 साल तक की उम्र का कोई भी शख्स ले सकता है। पॉलिसी पीरियड 5 से 40 साल तक का होगा। 70 साल की उम्र तक यह पॉलिसी चलाई जा सकेगी।

सम एश्योर्ड कितना होगा?
इस पॉलिसी में सम एश्योर्ड 5 लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक होगा। हालांकि रेगुलेटर ने बीमा कंपनियों को इससे अधिक रकम की पॉलिसी देने की भी छूट दी है। लेकिन कंपनी इसके लिए पॉलिसी की शर्तों में कोई बदलाव नहीं कर सकेगी।

प्रीमियम मौजूदा टर्म इंश्योरेंस से ज्यादा
एक बीमा कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सरल जीवन बीमा का प्रीमियम मौजूदा टर्म इंश्योरेंस की तुलना में ज्यादा होगा। ज्यादातर कंपनियों ने पॉलिसी को अप्रूवल के लिए इरडा के पास भेजा है। अप्रूवल के बाद ही प्रीमियम तय होगा। फिर भी अनुमान है कि 30 साल का व्यक्ति 10 साल के लिए 5 लाख रुपए की पॉलिसी लेता है तो प्रीमियम 1,500 रुपए के आसपास होगा। प्रीमियम एकमुश्त, हर साल, हर छमाही, तिमाही या हर महीने दिया जा सकता है।

45 दिनों का रहेगा वेटिंग पीरियड
इंश्योरेंस रेगुलेटर ने जो शर्तें तय की हैं, उसके मुताबिक पॉलिसी का वेटिंग पीरियड 45 दिनों का होगा। वेटिंग पीरियड में इंश्योरेंस करवाने वाले की मौत होने पर सिर्फ प्रीमियम की रकम वापस मिलेगी। लेकिन अगर वेटिंग पीरियड में मौत दुर्घटना से होती है तो पूरा सम एश्योर्ड मिलेगा। वेटिंग पीरियड के बाद अगर इंश्योरेंस करवाने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी को पूरा सम एश्योर्ड यानी बीमे की रकम मिलेगी।

किस कंपनी से पॉलिसी लेना सही रहेगा?
सभी इंश्योरेंस कंपनियों की सरल जीवन बीमा पॉलिसी की शर्तें एक समान होंगी, इसलिए आपको यह देखने की जरूरत नहीं कि किस कंपनी की पॉलिसी ज्यादा अच्छी है। जिस कंपनी का प्रीमियम कम हो आप उससे यह पॉलिसी खरीद सकते हैं। अगर उस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो अच्छा है तो यह और भी बेहतर होगा।

ग्राहकों को पॉलिसी चुनने में होगी सुविधा
इरडा के बयान के मुताबिक बाजार में कई तरह के उत्पाद होने से कई ग्राहकों को सही प्रॉडक्ट चुनने में कठिनाई होती है। इसलिए एक ऐसे प्रॉडक्ट की जरूरत थी, जो एक औसत ग्राहक की जरूरतों को पूरा कर सके। इससे ग्राहकों को चुनाव करने में आसानी होगी, कंपनी और ग्राहक के बीच विश्वास बढ़ेगा, मिस सेलिंग घटेगी और क्लेम सेटलमेंट के समय संभावित विवाद कम होंगे।

सिर्फ 60 लाख लोगों के पास टर्म इंश्योरेंस
भारत में जीवन बीमा करवाने वाले बहुत कम हैं। इरडा की 2018-19 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार देश में लाइफ इंश्योरेंस का प्रतिशत 2.74 है। टर्म इंश्योरेंस तो और भी कम है। हर साल करीब 6 करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं, जबकि सिर्फ 60 लाख लोगों के पास टर्म इंश्योरेंस है।उम्मीद है कि सरल जीवन बीमा से देश में लाइफ इंश्योरेंस करवाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। यह उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि कोविड महामारी के दौरान टर्म इंश्योरेंस की ऑनलाइन सर्चिंग 70% बढ़ी है।