नई दिल्ली। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मीटिंग के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक अच्छी रही और हमने फैसला किया है कि फिर से वार्ता 3 दिसंबर को होगी। उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते थे कि एक छोटा समूह गठित किया जाए लेकिन किसान नेता चाहते थे कि वार्ता सभी के साथ हो, हमें इससे कोई समस्या नहीं है। मीटिंग में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत किसान संगठनों के नेता शामिल रहे।
वहीं, 3 केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसानों का दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन जारी है। किसान टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और यूपी पर गेट पर पिछले 6 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच टिकैत गुट के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने की घोषणा की है कि आगामी 3 दिसंबर को यूपी गेट पर किसान एतिहासिक पंचायत करेंगे।
शाहीन बाग में धरने देने वाली बिलकिस दादी भी किसानों के समर्थन में आ गई हैं। मंगलवार को सिंधू बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने पहुंची दादी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उन्होंने कहा कि हम किसानों की बेटियां हैं, हम किसानों के विरोध का समर्थन करेंगे। हम अपनी आवाज उठाएंगे, सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए।
सरकार ने आंदोलनकारी किसानों से वार्ता के दौरान कहा कि आप अपने संगठन से चार-पांच लोगों का नाम दीजिए जिसमें सरकार के कुछ प्रतिनिधियों को मिलाकर एक समिति बनाई जाएगी। यह समिति कुछ कृषि विशेषज्ञों के साथ कानून पर चर्चा करेगी।
दिल्ली यूपी बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने पंजाब के किसानों के प्रतिनिधिमंडल को बात करने के लिए दोपहर 3 बजे का समय दिया था। उसके बाद सरकार शाम को 7 बजे यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के किसानों के साथ मीटिंग करेगी। सभी इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय चाहते हैं।