सुशांत सिंह की बहनों पर रिया चक्रवर्ती के लगाए आरोप झूठे: CBI

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नई दिल्लीl रिया चक्रवर्ती द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की बहनों के खिलाफ लगाई याचिका के जवाब में CBI ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपना जवाब सबमिट किया। इसमें जांच एजेंसी ने रिया की शिकायत को अटकलों पर आधारित बताया। साथ ही कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 90 दिन बाद उनकी बहनों मीतू और प्रियंका के खिलाफ रिया का FIR करना उनकी विश्वसनीयता पर संदेह पैदा करता है।

CBI ने हाईकोर्ट से अपील की है कि वे सुशांत की दोनों बहनों के खिलाफ हुई FIR को रद्द कर दें। साथ ही कहा कि मुंबई पुलिस द्वारा रिया की FIR रजिस्टर करना पूरी तरह कानून की अवहेलना है। जांच एजेंसी ने कहा, “रिया की ओर से यह शिकायत सिर्फ सुशांत की मौत की जांच को प्रभावित करने के इरादे से की गई है।” अनुमानों के आधार पर एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती हैl सीबीआई ने यह बातें सुशांत की बहनों प्रियंका सिंह और मीतू सिंह पर मुंबई पुलिस द्वारा दायर की गई एफआईआर पर अपना पक्ष रखते हुए कहा हैl

रिया चक्रवर्ती सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रही हैl रिया चक्रवर्ती ने यह आरोप लगाया था कि जून 2020 में नकली प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर सुशांत ने बैन दवाइयां खरीदी थींl सीबीआई ने कहा है कि वर्तमान एफआईआर में दर्ज आरोप अधिकतर काल्पनिक और अंदाजन हैl

सीबीआई ने यह भी बताया कि वह सुशांत सिंह राजपूत के पिता के. के. सिंह द्वारा रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के लोगों पर दर्ज शिकायत की जांच कर रही हैl सुशांत सिंह राजपूत की बहनों ने वकील माधव थोरात के माध्यम से उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग मुंबई हाई कोर्ट में की हैl सीबीआई ने यह भी कहा कि एफआईआरदर्ज करने के पहले पुलिस को सामान्य छानबीन करनी चाहिए थीl

सीबीआई ने आगे कहा है, ‘दो एफआईआर एक एक्शन में रजिस्टर्ड नहीं हो सकतीl सुशांत सिंह राजपूत से जुड़े सभी मामलों में सीबीआई पहले ही जांच कर रही हैl इसके चलते मुंबई पुलिस को रिया चक्रवर्ती की शिकायत सीबीआई को भेजनी चाहिए थी, ना कि इस मामले में एक और एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थीl इसके चलते उन्हीं तथ्यों पर एफआईआर दर्ज करना नियम के विरुद्ध हैl

सीबीआई ने यह भी कहा कि अगर रिया चक्रवर्ती को सुशांत सिंह राजपूत और उनकी बहन प्रियंका के बीच हुए चैट के बारे में जानकारी थी तो उन्हें सितंबर तक चुप नहीं रहना चाहिए थाl सीबीआई ने यह भी कहा कि वह बिना किसी भेदभाव या दबाव के जांच कर रही हैl मुंबई उच्च न्यायालय अब 4 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगाl