नई दिल्ली। सोना अपने ऑल टाइम हाई से अब तक करीब 6000 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो चुका है। वहीं सर्राफा बाजार में 16 अक्टूबर को बंद भाव 50,905 रुपये रहा। वहीं चांदी सात अगस्त के अपने उच्च शिखर से करीब 18900 रुपये तक टूट चुकी है। अगर बात इस महीने की करें तो त्योहारी सीजन से पहले ही सोने-चांदी की चमक तेज होने लगी है। अक्टूबर में अब तक सोने का हाजिर भाव 436 रुपये चढ़ चुका है।
वहीं अगर चांदी के हाजिर भाव की बात करें तो एक बार फिर यह मजबूती की राह पर है। अक्टूबर में चांदी के रेट में 1132 रुपये प्रति किलो तक इजाफा हो चुका है। ऐसे में निवेशकों और खरीदारों को लग रहा है कि क्या गोल्ड का भाव 45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास आएगा? दिवाली तक सोने का दाम क्या रह सकता है क्योंकि ज्यादातर लोग दिवाली और धनतेरस के आसपास सोना बेचते और खरीदते हैं।
तो दीवाली तक कहां पहुंचेगा सोना
मैनुवेल मालबार ज्वलैर्स के प्रबंध निदेशक एम. मैनुवेल ने कहा, कोरोना संकट के बीच भी सोने की मांग लगातार बढ़ रही है। आम लोगों का भरोसा एक बार फिर से सोने की ओर लौट आया है। इससे त्योहारी सीजन में मांग में और तेजी देखने को मिलेगी। इसका असर सोने की कीमत पर पड़ना तय है। आने वाले समय में सोने की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और यह तेजी सिर्फ त्योहारी सीजन ही नहीं बल्कि आगे भी जारी रहेगी वहीं केडिया कैपिटल्स के अजय केडिया कहते हैं कि यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो बाजार में एक करेक्शन (गिरावट) का इंतजार करें। सोने में मुनाफावसूली हावी हो तब आप सोने में खरीदारी कर सकते हैं। साल 2020 में सोने की कीमत 53,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास बनी रह सकती है।
पिछले साल के मुकाबले सोने-चांदी में 25 फीसद की तेजी
अगर पिछले साल 10 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2020 के बीच सोने-चांदी के रेट की तुलना करें तो इसमें बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सर्राफा बाजार में 10 अक्टूबर 2019 को गोल्ड 999 का भाव 38488 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 9 अक्टूबर 2020 को 50878 रुपये पर पहुंच चुका है। यानी एक साल में सोने के रेट में 12390 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। सोना इस एक साल में करीब 25 फसद रिटर्न दे चुका है।
क्यों महंगा हो रहा सोना
सोने-चांदी के रेट में बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह डॉलर का कमजोर होना, कोरोना के वैक्सीन का अब तक मार्केट में नहीं आना, शेयर बाजारों में तेजी के बावजूद अनिश्चिता और दुनिया के कई हिस्सों में राजनीतिक उथल-पुथल भी है। इसके अलावा सबसे बड़ी वजह दुनियाभर में केंद्रीय बैंकों की ओर से नीतिगत दरों में कटौती है, जो इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था गहरी मंदी में है और सोना सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर जाना जाता है ।
वहीं शेयर बाजार में अनिश्चितता के बीच निवेशकों का रुझान भी सोने में बढ़ा है, जिससे मांग को बल मिला है। गोल्ड ईटीएफ की ओर से की जा रही भारी खरीदारी इसका सीधा संकेत है। अगर इस शुक्रवार को सोने में आई तेजी की बात करे तो एचडीएफसी सिक्युरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ”सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी के कारण दिल्ली हाजिर बाजार में 24 कैरेट सोने में 236 रुपये की तेजी रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,910 डॉलर प्रति औंस और चांदी तेजी के साथ 24.27 डॉलर प्रति औंस पर चल रही थी।पटेल ने कहा कि अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज को लेकर अनिश्चितता तथा अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ी चिंताओं से डॉलर के कमजोर होने के कारण सोना मजबूत हुआ है।