कोटा। आज हमारे घर, इर्दगिर्द, रिश्तेदार व संपर्क सूत्र के अनगिनत लोग कोरोना से जंग लड़ रहे है। ऐसे में प्लाज़्मा थैरेपी बहुत कारगर सिद्ध हो रही है। टीम जीवनदाता कोटा इस क्षेत्र में बहुत उल्लेखनीय व अग्रणी कार्य कर रही है। इसके संयोजक भुवनेश गुप्ता के हेल्पलाइन No. 94140 00800 पर मदद के लिए कोई भी कॉल कर सकते है। आइये जानते हैं, क्या है प्लाज्मा और कोरोना रोगियों पर कैसे काम करता है –
प्र. प्लाज़्मा क्या होता हैं?
उ. हमारे खून का पीला तरल हिस्सा होता है, जिसके जरिए सेल्स और प्रोटीन शरीर की विभिन्न कोशिकाओं तक पहुंचते हैं। आप यह समझ लें कि हमारे शरीर में जो खून मौजूद होता है उसका 55 प्रतिशत से अधिक हिस्सा प्लाज्मा का ही होता है।
प्र. प्लाज़्मा थैरेपी क्या है और यह किस तरह से फायदा करती है?
उ. प्रारम्भिक तौर पर यह पाया गया है कि कोवीड से ठीक हुए व्यक्तियों से लिया गया प्लाज़्मा, गम्भीर कोविड रोगियों को चढ़ाने से फायदा होता हैं। उनकी रोग से रिकवरी जल्दी होती हैं। यदि कोई व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट करता है, तो इससे डोनेट करने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है। किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं होती है।
इसमें जो लोग अपना प्लाज्मा डोनेट करते हैं, उनके प्लाज्मा को दूसरे मरीजों में ट्रांसफ्यूजन के माध्यम इंजेक्ट करके इलाज किया जाता है। वस्तुतः इस तकनीक में एंटीबॉडी का इस्तेमाल होता है, जो किसी भी व्यक्ति के बॉडी में किसी वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ बनता है। इसी एंटीबॉडी को मरीज के शरीर में डाला जाता है। ऐसे में एक मेथड से जो व्यक्ति ठीक हुआ रहता है, ठीक वही मेथड दूसरे मरीज पर कार्य करता है और दूसरा मरीज भी ठीक होने लगता है।
प्र. कोन व्यक्ति प्लाज़्मा डोनेट कर सकता हैं?
उ.यदि आप पूर्व में कोरोना के शिकार हुए हैं और आपको खांसी व बुखार हुआ है, आपको ठीक हुए 28 दिन हो चुके हैं, आपकी उम्र 18 से 60 के बीच हैं, आपका वजन 55 किलोग्राम से ज्यादा है। आपको स्वयं को पिछले छह माह में कोई रक्त/रक्त उत्पाद नहीं चढ़ा हो। आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं है। आप पुरुष हैं अथवा ऐसी महिला हैं जिसने कभी गर्भधारण नहीं किया है तो आप अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं।
प्र. प्लाज्मा कौन डोनेट नहीं कर सकता है
- .वह व्यक्ति जिसमें कोविड़-19 कि पुष्टि RT-PCR जांच से नहीं हुई हो। जिसको ठीक हुए अभी 28 दिन पूरे नहीं हुए हो
- 18 साल से कम उम्र के बच्चे व 55 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति।
- जिनका वजन 55 किलो से कम हो।
- जिनका हिमोग्लोबिन साडे 12 ग्राम परसेंट से कम हो।
- जिनका टोटल सिरम प्रोटीन लेवल 6 g/dl से कम हो
- जिनकी रक्त जांच में एचआईवी हेपिटाइटिस मलेरिया सिफीलिस पॉजिटिव हो।
- वह महिला जिसने जीवन में कभी भी गर्भधारण किया हो।
- वह व्यक्ति जिसे पिछले 1 वर्ष में रक्त अथवा रक्त उत्पाद चढ़ा हो
- वह व्यक्ति जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो यथा डायबिटीज, कैंसर, टीबी, मनोरोग, लकवे की बीमारी, अनकंट्रोल्ड हाइपरटेंशन, एपिलेप्सी, हृदय रोग, गुर्दा रोग, यकृत रोग, माइग्रेन, ब्लड डिसऑर्डर, हार्मोन इंबैलेंस.
- जिसको पिछले 1 वर्ष में कोई जटिल ऑपरेशन हुआ हो।
प्र. प्लाज़्मा डोनेट करने की प्रक्रिया क्या है?
उ. प्लाज़्मा लेने से पूर्व डोनर के रक्त में एंटीबॉडी, हीमोग्लोबिन, प्लेटलेट, प्रोटीन, हेपेटाइटिस, एचआईवी, मलेरिया व सिफीलिस की जांच की जाती हैं। जांच में सब कुछ सही पाए जाने पर डोनर द्वारा प्लाज़्मा डोनेशन की लिखित सहमति ली जाती हैं। इसके उपरान्त एफरेसिस मशीन के माध्यम से प्लाज़्मा कलेक्ट किया जाता है, जिसमें अमूमन एक घंटा से सवा घंटा का समय लगता हैं। एक बार में डोनर के शरीर से 400 एम एल प्लाज्मा लिया जाता है, जिससे 200-200 एम एल की दो डोज़ बनाई जाती है। किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग 4 से 7 लीटर तक ब्लड होता है। इस लिहाज से कलेक्ट किया प्लाज्मा व्यक्ति के शरीर में उपलब्ध कुल रक्त का 10 वा या 15 वा भाग होता है। कलेक्ट किया प्लाज्मा का अधिकांश भाग का पुनः निर्माण 24 घंटे के भीतर ही हो जाता है व 15 दिन बाद डोनर पुनः प्लाज्मा डोनेट करने की स्थिति में आ जाता है।
प्र. प्लाज़्मा डोनेट करने के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उ. प्लाज़्मा डोनेट करने के बाद डोनर को अल्पाहार दिया जाता हैं व लगभग आधा घंटा आराम करना होता हैं। अगले चौबीस घण्टे में ज्यादा से ज्यादा तरल खाद्य पदार्थ लेना चाहिए। कोई भी भारी वस्तु उठाने से या व्यायाम, खेल कूद से बचना चाहिए। अगले 24 घण्टे में वाहन ड्राइव नहीं करना चाहिए।
प्र. प्लाज़्मा कहाँ डोनेट कर सकते हैं?
उ. कोटा के MBS ब्लड बैंक , नयापुरा में जाकर प्लाज़्मा डोनेट किया जा सकता है।