चीन से सरकारी खरीद पर भी रोक, केंद्र का राज्यों को निर्देश

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नई दिल्ली। लद्दाख में सैनिकों पर हमले के बाद भारत चीन के खिलाफ एक के बाद एक कड़े फैसले ले रहा है। ताजा फैसले के तहत केंद्र सरकार ने सरकारी खरीद में चाइनीज कंपनियों की एंट्री बैन कर दी है। मतलब, केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से किसी भी तरह की सरकारी खरीद में चाइनीज कंपनियां बोली में शामिल नहीं हो सकती

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जनरल फाइनैंशल रूल्स 2017 में संशोधन किया है जो उन देशों के बोलीदाताओं पर लागू होता है जिनकी सीमा भारत से सटती है। इसका सीधा असर चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल जैसे देशों पर होगा। सरकारी खरीद में चाइनीज कंपनियों का बोलबाला रहता है। व्यय विभाग इन नियमों के तहत, भारत की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सार्वजनिक खरीद पर एक विस्तृत आदेश जारी किया है।

गृह और विदेश मंत्रालय से भी मंजूरी जरूरी
नए नियम के तहत भारत की सीमा से सटे देशों से बोली लगाने वाली कंपनिंया गुड्स और सर्विस (कंसल्टेंसी और नॉन-कंसल्टेंसी) की बोली लगाने के लिए तभी योग्य माने जाएंगे जब वे कॉम्पीटेंट अथॉरिटी से रजिस्टर्ड होंगी। कॉम्पीटेंट अथॉरिटी का गठन डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ऐंड इंटर्नल ट्रेड (DPIIT) की तरफ से किया जाएगा। इसके लिए विदेश और गृह मंत्रालय से भी मंजूरी जरूरी है।

यहां-यहां आदेश लागू
सरकार का यह आदेश सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों, स्वायत्त निकायों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (CPSE) और सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनाओं को जिसे सरकार या इसके उपक्रमों से वित्तीय सहायता मिलता हो, उसपर लागू होता है।

राज्य सरकारों पर भी लागू
केंद्र ने राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को लिखित आदेश में कहा है कि राज्य सरकारें भी राष्ट्रीय सुरक्षा में अहम रोल निभाती हैं। ऐसे में सरकार ने संविधान के आर्टिकल 257(1) को लागू करने का फैसला किया है। मतलब सरकार का यह आदेश राज्य सरकार और संटेट अंडरटेकिंग के प्रोक्योरमेंट पर भी लागू होता है।