लेह। भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कई जगहों पर तनातनी बरकरार है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख की फारवर्ड लोकेशंस का दौरा कर चीन को साफ संदेश दिया है। आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का लेह दौरा प्रस्तावित था जिसे रीशेड्यूल किया गया है। ऐसे में पीएम मोदी का बॉर्डर एरियाज में जाकर सैनिकों के बीच रहना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को साफ संदेश है कि भारत सरकार अपने सैनिकों के साथ खड़ी है।
पीएम मोदी को पहले सेना ने ताजा हालात के बारे में ब्रीफ किया, जिसके बाद उन्होंने फ्रंटलाइन पर तैनात जवानों से खुद बात की।पीएम नरेंद्र मोदी ने अचानक ही लद्दाख का दौरा करने का फैसला किया। उनके साथ सीडीएस जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद हैं।पीएम मोदी ने लद्दाख की एक फारवर्ड लोकेशन, नीमू पर सैनिकों से मुलाकात की।
यहां पर सेना के अलावा इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और एयरफोर्स के जवान भी तैनात हैं। 11,000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद नीमू पोस्ट तक पहुंचना मुश्किल है। इसकी टेरेन बहुत कठिन है और जंस्कार रेंज से घिरी हुई है। यह पोस्ट सिंधु नदी के तटों पर स्थित है। नीमू में पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित किया। जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें भारतीय सेना का अनुशासन और कोरोना वायरस के चलते सावधानी साफ नजर आ रही है।
कोरोना संक्रमण न फैले, इसके लिए जवानों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन दिखी। खुद पीएम मोदी अपने संबोधनों में लगातार ‘दो गज दूरी’ बनाए रखने की बात करते रहे हैं। सैनिकों ने उनके सामने इसका बेहतरीन उदाहरण पेश किय