समय नहीं बढ़ाया तो रेस्टोरेंट बंद कर चाबी कलेक्टर को सोपेंगे

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कोटा। कोटा के रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने प्रशासन की हठधर्मिता से परेशान होकर अपने होटल एवं रेस्टोरेंट बंद कर के चाबियां जिला कलेक्टर को सौंपने का मानस बनाया है। इस मामले में कल रेस्टोरेंन्ट व्यवसायी जिला कलेक्टर के नाम का ज्ञापन सोपेंगे।

न्यू कोटा होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार माहेश्वरी, सचिव हेमंत जैन एवं होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन कोटा के महासचिव संजय शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के बाद कोटा का होटल एंड रेस्टोरेंट व्यवसाय पूरी तरह से समाप्त हो गया है। रेस्टोरेंट खोलने का समय रात्रि 8:00 बजे तक निर्धारित किए जाने से गर्मियों के समय में 8:00 बजे तक ग्राहक किसी भी रेस्टोरेंट में नहीं आ रहे हैं। जिससे पूर्व में ही भारी घाटे में चल रहा है यह व्यवसाय पूरी तरह से बर्बाद हो रहा है।

रेस्टोरेंट्स खोलने पर स्टाफ एवं रॉ मेटेरियल का खर्चा भी नहीं निकल रहा है, जिससे होटल एंड रेस्टोरेंट व्यवसायियों को भारी घाटे का सामनाकरना पड़ रहा है। स्विगी एवं जोमेटो होम डिलीवरी करने वाली बड़ी कंपनी है, जिनको पूर्व में 11:00 बजे तक की होम डिलीवरी की परमिशन दी जा रही थी। जैसे ही 8 जून को रेस्टोरेंट चालू हुए, उनकी डिलीवरी का समय रात्रि 8:00 बजे तक कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि जयपुर जैसे बड़े शहर में अभी तक रात्रि 11:00 बजे तक इन कंपनियों द्वारा होम डिलीवरी दी जा रही है। जबकि कोटा शहर में सभी होटल एवं रेस्टोरेटं व्यवसायी कोरोना वायरस से बचने के निर्धारित मापदंड के अनुसार अपना कार्य कर रहे हैं। लाखों रुपए खर्च करके सेनेटाइजिंग,स्क्रेनिगं ,फेस शील्ड सोशल डिसटेन्स द्वारा सिटिंग, मास्क आदि की पूरी पालना की जा रही है। रात 8:00 बजे बंद करने का समय निर्धारित है।

उन्होंने बताया कि रात्रि 8:00 बजे के बाद तो लोग अपने सभी कार्य निपटा कर परिवार के साथ रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए निकलते हैं और आने जाने में खाना खाने में करीब 2 घंटे का समय लगता है। कोटा के सभी होटल रेस्टोरेन्ट व्यवसायी पूरी तरह से त्रस्त हो गए हैं। उन्होने जिला प्रशासन से मांग की है कि तुरंत प्रभाव से रेस्टोरोन्ट के समय को रात्रि 10:00 बजे तक किया जाए एवं डिलीवरी रात्रि 11:00 बजे तक की जाए।