नई दिल्ली। चीन सीमा पर भारत को आंख दिखा रहे चीनी सैनिकों की हरकत को जवाब देने के लिए देश में चीनी उत्पादों के खिलाफ अभियान शुरू हो चुके हैं। लोग चीनी उत्पादों का उपयोग कम करने की मांग करते नजर आ रहे हैं और अब इस बीच देश के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने इसका बीड़ा उठाया है।
CAIT ने तय किया है कि वो 10 जून से देशभर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ शुरू करेगा। उसने चीन से आयात होने वाले ऐसे तीन हजार उत्पादों की सूची बनाई है जिनका आयात न होने से देश को दिक्कत नहीं होगी। इस अभियान के माध्यम से दिसंबर 2021 तक चीनी वस्तुओं के आयात में एक लाख करोड़ रुपए की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है।
CAIT के अनुसार, वो इस अभियान के माध्यम से देश के व्यापारियों से चीनी वस्तुएं न बेचने व नागरिकों से स्वदेशी उत्पादों को इस्तेमाल में लाने का आग्रह किया जाएगा। इस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान ‘Local पर Vocal’ को सफल बनाने में कैट अहम भूमिका निभाएगा।
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि हमेशा से ही महत्वपूर्ण मामलों में भारत को चीन का विरोध झेलना पड़ा है और देश के खिलाफ चीन पाकिस्तान की कुटिल चालों और आतंकवाद को बढ़ावा देने में साथ देता रहा है। इसे देखते हुए कैट चार वर्ष से चीनी उत्पादों के खिलाफ समय-समय पर आंदोलन चलाता रहा है। वर्ष 2018 से अब तक चीन से आयात में छह अरब डॉलर की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने अनुभव किया है कि ग्राहकों में चीनी वस्तुओं को लेकर आक्रोश है और वे चीन के स्थान पर स्वदेशी वस्तुओं को खरीदने के लिए ज्यादा तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 में भारत में चीनी वस्तुओं का आयात केवल 2 अरब डॉलर था, जो वर्ष 2019 में 70 अरब डॉलर हो गया है। 20 वर्ष में ही आयात लगभग 35 गुना बढ़ गया। मतलब चीन से आयातित होने वाली वस्तुओं में 3500 फीसद की वृद्धि हुई।
खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना व लॉकडाउन के कारण कैट ने 25 मार्च से लेकर अब तक रोजाना 75 वीडियो कान्फ्रेंस की, जिसमें देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं ने भाग लिया और गंभीरता से चीन के भारत के खुदरा बाजार पर कब्जा जमाने की कोशिशों का विश्लेषण भी किया।