नई दिल्ली। पहले आर्थिक मंदी और फिर लॉकडाउन के कारण भारत में ऑटोमोबाइल की बिक्री में गिरावट के बाद कार निर्माता, वाहनों की बिक्री के लिए नए-नए रास्ते तलाश रहे हैं। भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki India Ltd (मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड) इस समय खुदरा क्षेत्र में अपनी गाड़ियों को लीज पर देने का कारोबार शुरू करने की संभावना तलाश रही है। इस बीच Volkswagen India (फॉक्सवैगन इंडिया) ने इस सर्विस की शुरुआत कर दी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक मारुति सुजुकी की योजनाओं के बारे में जानकारी रखने वाले दो लोगों ने इस बारे में खुलासा किया है। इन्होंने अपना नाम जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए बताया, कंपनी इस योजना पर लगभग एक साल से काम कर रही है और कंपनी की एक विशेष परियोजना टीम की देखरेख में ये काम किया जा रहा है।
मारुति सुजुकी भारत में लीजिंग के क्षेत्र में प्रवेश करने वाली पहली निर्माता नहीं होगी। इसकी करीबी प्रतिद्वंद्वी Hyundai Motor India Ltd (ह्यूंदै मोटर इंडिया लिमिटेड) पहले से ही इस सेगमेंट में मौजूद है। यहां तक कि Mahindra and Mahindra (महिंद्रा एंड महिंद्रा) भारत में लीज पर अपने वाहन देती है। उनके अलावा, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज-बेंज जैसे लक्जरी कार निर्माता भी भारत में कस्टमाइज्ड लीजिंग प्लान पेश करते हैं।
हालांकि, मारुति का वाहन लीजिंग मॉडल अन्य कंपनियों से अलग होगा, क्योंकि कारोबार को बढ़ाने के लिए इसने अपने बड़े देशव्यापी डीलरशिप नेटवर्क का उपयोग करने की योजना बनाई है। ऐसे समय में जब इस साल लॉकडाउन और आर्थिक संकट के कारण घरेलू ऑटोमोबाइल की बिक्री की मंदी की भविष्यवाणी की जा रही है, इस रणनीति से मारुति डीलरों के लिए अतिरिक्त कमाई का रास्ता खुल जाएगा। कार निर्माता आमतौर पर रिटेल ग्राहकों को लीज पर अपने वाहन देने के लिए Revv (रेव) और Zoomcar (जूमकार) जैसे स्टार्टअप से साझेदारी कर लेते हैं।
अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित बाजारों में इस तरह के वाहन लीज सर्विस काफी लोकप्रिय हैं, जबकि भारत में, वाहन निर्माताओं ने पिछले दो वर्षों से इस सेवा को शुरू किया है। मारुति ने पहले कॉर्पोरेट्स के लिए वाहन लीज की सेवा शुरू की थी लेकिन तब वह ज्यादा कामयाब नहीं हो पाई थी।
क्या होती है कार लीज सर्विस
लीजिंग ग्राहकों को कार को अपनी खुद की गाड़ी की तरह इस्तेमाल करने की अनुमति देता है, और इस दौरान उन्हें कार की सर्विस और बीमा कवर जैसी अन्य आवधिक लागतों की चिंता नहीं करनी होती है। यह बिजनेस मॉडल अमेरिका जैसे देशों में बेहद लोकप्रिय है, लेकिन भारत में अभी चलन में नहीं है। सिर्फ कुछ कॉरपोरेट कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए इस लीज प्लान का उपयोग करते हैं।
कार के मालिकाना हक और लीज में अंतर होता है। लीज पर कार इस्तेमाल करने का खर्च मालिकाना हक वाली कार से कम है और भारत में लोगों के कम बजट को देखते हुए, आने वाले वर्षों में लीजिंग सर्विस में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ह्यूंदै और महिंद्रा जैसे निर्माताओं ने जूमकार और रेव जैसी कंपनियों में भी निवेश किया है, और ये लीजिंग में भी शामिल हैं ।
फॉक्सवैगन ने भी शुरू की लीज सर्विस
Volkswagen India (फॉक्सवैगन इंडिया) ने अपने पूरे उत्पाद पोर्टफोलियो में ग्राहकों के लिए कई लीजिंग और फाइनेंस विकल्पों की शुरुआत की है। देशभर में लोग संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टैंसिंग और स्वच्छता मानकों का पालन कर रहे हैं। ऐसे में ज्याद से ज्यादा खरीदार पर्सनल मोबिलिटी (व्यक्तिगत गतिशीलता) पर विचार कर रहे हैं।
इस समय में लीज और फाइनेंस ऑप्शन जैसे कदमों से वाहन निर्मात कंपनियों को बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी। अपने ओमनी-चैनल मोबिलिटी समाधानों के तहत, कंपनी ने लीज सर्विस के लिए Orix (ओरिक्स) के साथ समझौता किया है, जबकि सिक्योर प्रोग्राम को फॉक्सवैगन फाइनेंशियल सर्विसेज का सहयोग मिल रहा है।
फॉक्सवैगन पावर लीज सर्विस के तहत, ग्राहक सभी BS6 कारों का उपयोग कर सकते हैं। ग्राहक दो से तीन या चार साल की अवधि के लिए जीरो डाउनपेमेंट, कम किराया, बीमा कवरेज और लचीले मेंटेनेंस ऑप्शन के साथ पे-फॉर-यूज मॉडल का फायदा उठा सकते हैं। लीज पर गाड़ी लेने के अन्य फायदे भी हैं। यह ग्राहकों को टैक्स में फायदा और बायबैक ऑप्शन का लाभ भी देते हैं।