कोरोना के डर से ब्रेस्टफीडिंग बंद न करें, बढ़ सकता है बच्चे की मौत का खतरा

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नई दिल्ली। दुनियाभर के 54.88 लाख से ज्यादा लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं। वायरस ने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं के मन में भी एक डर पैदा किया है। वह ये कि कहीं ब्रेस्टफीडिंग कराने से नवजात पर संक्रमण का खतरा न मंडरा रहा हो।

इसी डर से कई देशों में बच्चों को जन्म लेते ही मां से अलग किया जा रहा है। इसका फायदा दूध का सबस्टिट्यूट बनाने वाली कंपनियां उठा रही हैं। इन सब के बीच एक राहत देने वाली खबर आई है। खासकर उन मांओं के लिए जो चाहकर भी वायरस के डर से अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करा रही हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, वायरस के डर से ब्रेस्टफीडिंग रोकने की कोई जरूरत नहीं है। अब तक ब्रेस्ट मिल्क के जरिए वायरस फैलने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। यहां तक कि जो मांएं कोविड-19 से संक्रमित हैं, या जिनमें इसके लक्षण हैं, वह भी बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हैं। यह रिपोर्ट वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ), यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रंस फंड (यूनिसेफ) और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) ने जारी की है।

ब्रेस्टफीड न कराने से 14 गुना तक बढ़ता है बच्चों की मौत का खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, जिन बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराई जाती, उनकी मौत का खतरा ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों की तुलना में 14 गुना बढ़ जाता है। ऐसे में वायरस के डर से बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग न कराना उन्हीं के लिए हानिकारक साबित होगा।

मां को रखनी होंगी ये सावधानियां

  • बच्चे को छूने से पहले अपने हाथ साबुन या एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर से धोने हैं।
  • बच्चे को गोद में लेते हुए उससे संपर्क के समय मास्क लगाकर रखना है।
  • खांसी या कफ होने पर अपने साथ टिशू रखना है।
  • टिशू का उपयोग करते ही इसे डिस्पोज करके दोबारा हाथ धोने हैं।