कोटा में ग्राहक बिना बाजार, मजदूर बिना उद्योग सूने, अर्थव्यवस्था लाचार

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कोटा । कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि सरकारी गाइड लाइन के अनुरूप कई सेक्टरों में व्यवसायिक गतिविधियां आज से शुरू हो गई हैं। बिल्डिंग मैटेरियल मार्बल ,ग्रेनाइट, सेनेटरी, इलेक्ट्रीशियन की दुकानें लगभग सभी बाजार में खोली गई, लेकिन व्यापारी ग्राहकों का इंतजार में बेठे रहे। औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन भी ठप सा रहा।

उन्होंने बताया कि भारी संख्या में श्रमिकों का पलायन होने से उद्यमी फैक्ट्रियां नहीं चला पा रहे हैं। क्योंकि जितने श्रमिको की आवश्यकता है, वह उपलब्ध नहीं है और जो गांव चले गए उनका फिलहाल आना नामुमकिन है। माहेश्वरी ने बताया कि भवन निर्माण की गतिविधियों को स्वीकृति मिलने पर चल रहे निर्माण कार्य चलाने के प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा कोटा क्षेत्र में मामा मजदूर आते हैं। उनके 75% पलायन के बाद अब बहुत कम मात्रा में मजदूर बचे हैं । यहां तक कि आसपास के गांव के मजदूर भी पलायन कर चुके हैं। इस तरह औद्योगिक, निर्माण कार्य, व्यापार का आपस में लिंक टूट गया है। इस गतिरोध के खत्म होने की वर्तमान में कोई संभावना नहीं लग रही है।

150 सूखे राशन के किट बांटे
कोटा व्यापार महासंघ की पहल पर आज भी विभिन्न क्षेत्रों में 150 सूखे राशन के किट बांटे गए। छावनी चौराहा दुकानदार संघ के सचिव नरेंद्र चौहान एवं लोहा व्यापार संघ के संरक्षक सुभाष अग्रवाल ने छावनी क्षेत्र में रह रहे जरूरतमन्द श्रमिकों एवं मजदूरों को, इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र एवं भामाशाह मंडी क्षेत्र में महासंघ के कोषाध्यक्ष राजेंद्र जैन एवं कोटा रीजन ट्रेक्टर डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मूंदड़ा ने फर्नीचर इंडस्ट्रियल एरिया, लघु औद्योगिक क्षेत्र औद्योगिक सम्पदा में कोटा सा मिल एंड प्लाईवुड एसोसिएशन के अध्यक्ष बंसीलाल साघवानी ने मजदूरों एवं श्रमिको को राशन के किट बाटे।