दुनिया भर में सोयाबीन के दाम औंधे मुंह गिरे, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। चीन के सोयाबीन आयात भाव 350.44 डॉलर प्रति टन के एक नए निचले रिकॉर्ड पर चले गए। सोयाबीन की वैश्विक मांग कोरोनो वायरस महामारी के कारण कम हो गई है। सोयाबीन आयात का चीन का पिछला निचला रिकॉर्ड भाव मई 2019 में 354.94 डॉलर प्रति टन था। अधिकांश देशों में डेयरी, मुर्गी पालन और पोर्क प्रसंस्करण जैसे उद्योगों से सोयाबीन की मांग कमजोर होने के कारण वैश्विक स्तर पर सोयाबीन की कीमतों में काफी गिरावट आई है।

स्थानीय तेल, तिलहन बाजार में फिलहाल कारोबार की मात्रा कम बताई जा रही है। इसके असर से सोयाबीन तेल के भाव स्थिर बने हुए है। गुजरात तेलिया 2050, कॉटन 790, आरबीडी 695, सोयाबीन रिफाइन 795, मुंबई मूमफली 1340, कॉटन 825, आरबीडी 725, सोयाबीन रिफाइन 820, इंदौर सोयाबीन रिफाइन 825 से 830 रूपये के भाव रहे। प्लांट डिलीवरी सोयाबीन प्रकाश 4000, आरएच सिवनी 4000, महाकाली 3950, कीर्ति 3950, प्रेस्टीज 3925, एमएस नीमच 3925, सांवरिया 3910, रुचि सोया 3970, अविएग्रो 3925, धानुका 3935, विप्पी 3800, गुजरात अम्बुजा पीथमपुर, मंदसौर 3800 रुपए के भाव रहे।

घरेलू बंदरगाहों पर 15 दिन का स्टॉक
कांडला, मूंदड़ा पोर्ट पर आयात 4.50 लाख टन होता है, जबकि वर्तमान में वहां मुश्किल से 15 दिनों के लिए स्टॉक बताया जा रहा है। वेसल्स की कमी के साथ ही मजदूरों का पलायन भी इन बंदरगाह के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनता जा रहा है।