बिना पहचान पत्र नहीं मिलेगा शहर में प्रवेश, कोटा में बनाए आठ नाके

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कोटा। कोरोना को लेकर चिकित्सा विभाग पूरी तरह से सतर्क है। अब कोटा में प्रवेश करने वाले हर यात्री पर उसकी नजर रहेगी और स्क्रीनिंग व पहचान के बाद ही उसे कोटा में प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए चिकित्सा विभाग की टीमें शहर के बॉर्डर पर आठ टीमें लगाई है। यह टीमें राउंड में पूरे 24 घंटे काम करेगी। इससे कोरोना संदिग्ध की आसानी से पहचान हो सकेगी।

सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर ने बताया कि कोरोना संदिग्ध की पहचान के लिए बसों से बाहर से आने वाले हर यात्री पर निगाह रखी जाएगी। जैसे ही बस बॉर्डर पर प्रवेश करेगी। टीम सक्रिय हो जाएगी। कोटा के यात्री की पहचान पत्र या आधारकार्ड दिखाने पर उसकी स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग के बाद ही उसे कोटा शहर में प्रवेश दिया जाएगा। बाकी यात्रियों को पुलिस स्कॉर्ट के माध्यम से दूसरे गतंव्य स्थान के लिए रवाना कर दिया जाएगा। बाहर के आने वाले किसी यात्री को बिना पहचान के प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

शहर में ये नाके बनाए
भदाना, केपाटन, बूंदी रोड, शम्भूपुरा, जगनाथपुरा, झालावाड़ रोड, रावतभाटा व बारां रोड नाकें बनाए गए हैं। इन नाकों पर 24 घंटे चिकित्सा विभाग व मेडिकल
कॉलेज की नर्सिंगकर्मियों की टीमें रहेगी। एक टीम में 4 सीएमएचओ ऑफिस व 4 मेडिकल कॉलेज की नर्सिंगकर्मी रहेगी। चार नाकों के बीच में एक मेडिकल
डॉक्टरों की टीम भी रहेगी। यदि एक साथ बसें ज्यादा आएगी तो अन्य मेडिकल डॉक्टरों की टीमें सक्रिय हो जाएगी।

देर रात को की स्क्रीनिंग
सीएमएचओ ने बताया कि शनिवार देर रात जयपुरए टोंक व चितौड़ से आई सात बसों में आने वाले कोटा के यात्रियों की स्क्रीनिंग की। 4 बसों को हैगिंग
ब्रिज व 3 बसों को कुन्हाड़ी रुकवाई।

22 जनों की नेगेटिव आई रिपोर्ट
सीएमएचओ डॉ. तंवर ने बताया कि रविवार को कोरोना जांच के 23 सेम्पल में से 22 सेम्पल की रिपोर्ट निगेटिव रही। जबकि 1 सेम्पल के खराब हो जाने के कारण वापस जांच के लिए भेजा गया। 323 व्यक्ति होम क्वारनटाइन में जबकि 24 को एमबीएस चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड में रखा गया। रविवार को 82 जनों की स्क्रीनिंग की गई। 1651 आईएलआई के मरीज व 1900 हाई रिस्क ग्रुप के पाए गए। अब तक जिले में 6 लाख 18 हजार 195 की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।