नयी दिल्ली। सीबीआई ने सोमवार को घोटालों से ग्रसित डीएचएफएल द्वारा यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में सात स्थानों पर छापे मारे।सीबीआई ने अपनी प्राथिमिकी में पांच कंपनियों, कपूर की पत्नी और तीन बेटियों सहित सात व्यक्तियों और अन्य अज्ञात लोगों को नामजद किया है।
राणा कपूर के अलावा एजेंसी ने उनकी पत्नी बिंदु, बेटी रोशिनी, राखी और राधा पर मुकदमा किया है।अधिकारियों ने बताया कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रवर्तक कपिल वाधवन और डीएचएफएल से संबंधित कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक धीरज राजेश कुमार वाधवन को भी आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा डीएचएफएल, आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, कपूर परिवार के नियंत्रण वाली डीओआईटी अर्बन वेंचर्स, आरएबी एंटरप्राइजेज (लिंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (जिसमें बिंदु राणा कपूर निदेशक थीं) और मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड (जिसमें राणा कपूर की बेटियां निदेशक थीं) को भी आरोपी बनाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों के दल मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रहे हैं।उन्होंने बताया कि एजेंसी का आरोप है कि कपूर ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवन के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता मुहैया कराई और उसके बदले राणा के परिवार के सदस्यों को अनुचित लाभ मिला।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था।उन्होंने कहा कि इसके बदले वाधवन ने कथित रूप से कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह लाभ डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज के रूप में दिया गया।