नई दिल्ली। कम्युटेशन का विकल्प चुनने वाले ईपीएफओ के पेंशनधारकों को फुल पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने रिटायरमेंट के वक्त पेंशन कम्युट करने का विकल्प चुनने वाले पेंशनधारकों को सेवानिवृत्ति के 15 साल बाद फुल पेंशन की व्यवस्था को फिर से बहाल करने के फैसले को अधिसूचित कर दिया है।
सरकार के इस कदम से 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर होने वाले ईपीएफओ के उन 6.3 लाख पेंशनधारकों के पेंशन में बड़ी वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है, जिन्होंने आंशिक कम्युटेशन का विकल्प चुना था। कम्युटेड पेंशन पाने की तिथि के ठीक 15 वर्ष बाद हायर/फुल पेंशन का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
फिलहाल कम्युटेशन का विकल्प नहीं
एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम (EPS) नियमों के तहत 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर होने वाले ईपीएफओ के मेंबर्स कम्युटेड पेंशन के रूप में पेंशन की कुल रकम का अधिकतम एक तिहाई एकमुश्त (कम्युटेड) ले सकते थे, जबकि बाकी दो तिहाई रकम उन्हें जीवनभर पेंशन के रूप में मिलती थी। ईपीएफ के मौजूदा नियमों के तहत, ईपीएफओ के सदस्यों को कम्युटेशन बेनिफिट पाने का विकल्प नहीं मिलता है। ईपीएफओ वह संगठन है, जो ईपीएफ तथा ईपीएस स्कीम्स को नियंत्रित करता है।
15 साल बाद फुल पेंशन पाने का हक
20 फरवरी, 2020 को जारी नई अधिसूचना से ईपीएफओ के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के 15 साल बाद फुल पेंशन की व्यवस्था पुनः लागू हो जाएगी। इसलिए, अगर कोई कर्मचारी 1 अप्रैल, 2005 को रिटायर करता है तो वह 15 साल बाद यानी 1 अप्रैल, 2020 से अधिक पेंशन पाने का हकदार है।
पारा 12B के तहत सुविधा
पीपुल अडवाइजरी सर्विसेज ईवाई इंडिया के निदेशक पुनीत गुप्ता कहते हैं, ‘एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के पारा 12A के तहत कोई भी कर्मचारी मंथली पेंशन की जगह कम्युटेड पेंशन (एकमुश्त) का दावा कर सकता था। कम्युटेशन की राशि मंथली पेंशन की एक तिहाई से अधिक नहीं हो सकती थी। बाकी दो तिहाई रकम कर्मचारी को मंथली पेंशन के रूप में मिलती थी।
अब 20 फरवरी, 2020 को जोड़े गए पारा 12B के अनुसार, जिस कर्मचारी ने पारा 12A के तहत कम्युटेड पेंशन का लाभ लिया होगा, उन्हें 15 साल बाद फुल पेंशन का फायदा मिलेगा।’ ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने 21 अगस्त, 2019 को अपनी बैठक के दौरान फुल मंथली पेंशन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।