भारत ने किया अमेरिका से 21 हजार करोड़ के सैन्य उपकरण खरीदने का करार

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच 3 साल में व्यापार में डबल डिजिट में बढ़ोतरी हुई है। बाइलेटरल ट्रेड के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सकारात्मक वार्ता हुई।

हम एक बड़ी ट्रेड डील पर भी सहमत हुए हैं। इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। वहीं ट्रम्प ने कहा कि मोदी के साथ बातचीत में 21.5 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदे को मंजूरी दी गई है। दोनों देश आतंकवाद को खत्म करने के लिए काम करेंगे और पाकिस्तान पर दबाव बनाएंगे।

मोदी और ट्रम्प के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में भारत-अमेरिका के बीच हुए 6 करार में 21 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदे सबसे अहम हैं। अहमदाबाद के ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद इसका ऐलान किया था। इसके अलावा भारत-अमेरिका के बीच परमाणु रिएक्टर से जुड़ा करार भी अहम है। इसके तहत अमेरिका भारत को 6 रिएक्टर सप्लाई करेगा।

मेजबान और मेहमान ने एक-दूसरे की तारीफ की
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके डेलिगेशन का करते हुए इस बात की खुशी है कि वे परिवार के साथ यहां आए। बीते 8 महीनों में उनके साथ यह पांचवीं मुलाकात है। सोमवार को मोटेरा स्टेडियम में उनका भव्य स्वागत याद रखा जाएगा। अमेरिका और भारत के संबंध सिर्फ दो सरकारों के बीच नहीं, पीपुल सेंट्रिक है। यह 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण स्थिति में हैं।

संबंधों के इस मुकाम तक लाने में ट्रम्प का अमूल्य योगदान रहा है। वहीं, ट्रम्प ने कहा- बीते 2 दिन शानदार रहे, खासकर कल मोटेरा स्टेडियम में। यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। वहां सवा लाख लोग थे। वे मोदी को बहुत प्यार करते हैं। मैंने जब भी मोदी का नाम लिया तो वे खुशी से चिल्लाने लगे। भारतीयों की मेहमाननवाजी याद रहेगी। मोदी यहां बेहतरीन काम कर रहे हैं। गांधीजी के आश्रम में हमें खास अनुभूति हुई। आज राष्ट्रपति कोविंद हमें एक भोज दे रहे हैं।

मोदी ने कहा- आतंकवाद रोकने पर सहमति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘हम एक बड़ी ट्रेड डील शुरू करने पर सहमत हुए हैं। इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। दोनों देश कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी सहमत हैं। यह एक-दूसरे के ही नहीं, बल्कि दुनिया के हित में है। रक्षा, तकनीक, ग्लोबल कनेक्टिविटी, ट्रेड और पीपुल टू पीपुल टाईअप पर दोनों देशों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई।

पिछले कुछ सालों में हमारी सेनाओं के संयुक्त युद्धाभ्यास में इजाफा हुआ है। आज होमलैंड में हुए समझौते से इसे बल मिलेगा। हमने आज आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों को और बढ़ाने का भी फैसला किया है। हमने ड्रग्स और नार्कोटिक्स रोकने के लिए भी बात की है। तेल और गैस के लिए भारत के लिए अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। फ्यूल हो या न्यूक्लियर एनर्जी, हमें नई ऊर्जा मिल रही है।’’

ट्रम्प ने कहा- भारत के साथ व्यापार में 60% इजाफा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, ‘‘मोदी के साथ बातचीत में हमने 21.5 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदे को मंजूरी दी है। अमेरिका संतुलित ट्रेड चाहता है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देश आतंकवाद को खत्म करने के लिए काम करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब से मैंने कारोबार संभाला, तब से अमेरिका का निर्यात बढ़ा है, इसके लिए मोदी का शुक्रिया। मेरे कार्यकाल में भारत के साथ 60% व्यापार बढ़ा है। अमेरिका भारत के साथ काम करते हुए बहुत अच्छा महसूस कर रहा है। नशीली दवा के कारोबार को रोकने के लिए हमने समझौता किया है। दबाव की राजनीति न हो, इसका प्रयास होना चाहिए।’’

एमएच-60 रोमियो मल्टीरोल हेलिकॉप्टर्स का करार
अमेरिका से सी-हॉक हेलिकॉप्टटर्स खरीदने की चर्चा लंबे समय से जारी थी। 21 हजार करोड़ के रक्षा सौदों में से इस पर करीब 18,626 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। नौसेना को 24 सी-हॉक हेलिकाप्टरों की जरूरत है। ये हेलिकॉप्टर्स हर मौसम में और दिन के किसी भी वक्त हमला करने में सक्षम हैं।

चौथी जेनरेशन का यह हेलिकॉप्टर छिपी हुई पनडुब्बियों को निशाना बना सकता है। इस सौदे के अलावा भारत अमेरिका से 800 मिलियन डॉलर के 6 एएच-64ई अपाचे हेलिकॉप्टर्स भी खरीद सकता है। इसके साथ ही भारत को अमेरिका मिसाइल डिफेंस शील्ड भी बेचने की कोशिश कर रहा है, ताकि वह रूस की एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भारत में आने से रोक सके।