राजस्थान बजट/ प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर स्टाम्प ड्यूटी एक फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव

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    जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने राज्य बजट में परिसंपत्ति की रजिस्ट्री पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी को एक फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। यानी अब घर का सपना थोड़ा सा महंगा हो जाएगा। फ्लैट खरीदारों को अब पहले के मुकाबले 1.20 फीसदी ज्यादा (0.20 फीसदी सेस वृद्धि समेत) स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ेगी।

    इसके मद्देनजर यदि कोई 25 लाख रुपए का फ्लैट खरीदता है, तो उसे पहले के मुकाबले 30,000 रुपए ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ेगी। वहीं 50 लाख के फ्लैट पर 60,000 और एक करोड़ रुपए के फ्लैट 1.20 लाख स्टाम्प ड्यूटी ज्यादा देनी पड़ेगी। हालांकि बजट में डीएलसी रेट में 10 फीसदी कटौती का प्रस्ताव किया गया है। इससे जमीन खरीदारों को राहत मिलेेगी, लेकिन जानकारों का कहना है कि डीएलसी रेट में कमी के बावजूद फ्लैट की कीमत बढ़ेगी, क्योंकि डीएलसी रेट केवल जमीन के लिए है। ऐसे में डीएलसी रेट में कमी से मामूली राहत है।

    पहले क्या?
    पहले फ्लैट खरीदारों को रजिस्ट्री कराने पर 5 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी, इस पर 20 फीसदी लेबर सेस और पर एक फीसदी रजिस्ट्री शुल्क और देना पड़ता था। इस तरह रजिस्ट्री का कुल टैक्स 7% बैठता था।

    अब क्या?
    अब 6 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी, इस पर 20 फीसदी लेबर सेस और एक फीसदी रजिस्ट्री शुल्क चुकाना पड़ेगा। इस तरह कुल टैक्स 8.20 फीसदी बैठेगा। यानी 1.20 फीसदी ज्यादा टैक्स भरना पड़ेगा।

    सबसे ज्यादा असर फ्लैट खरीदारों पर
    स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाने का सबसे ज्यादा असर फ्लैट खरीदारों पर होगा, क्योंकि डीएलसी रेट में कमी केवल जमीन के लिए है। फ्लैट की रजिस्ट्री हमेशा सरकार द्वारा तय डीएलसी रेट पर होती है। ऐसे में स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाने से फ्लैट खरीदारों का रजिस्ट्री खर्च बढ़ेगा।

    फायदा कॉमर्शियल स्पेस खरीदारों को
    बजट में डीएलसी रेट में 10 फीसदी की कमी से कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में स्पेस खरीदारों को थोड़ी राहत की संभावना है। दरअसल, अभी कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स की डीएलसी रेट ज्यादा थी, जबकि स्पेस का मूल्य 50 फीसदी तक कम था। ऐसे में स्पेस खरीदारों को डीएलसी रेट पर रजिस्ट्री कराने पर ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ती थी, लेकिन डीएलसी रेट में कमी से अब इन्हें स्टाम्प ड्यूटी में थोड़ी राहत मिलेगी।

    खरीदारों पर बोझ बढ़ेगा
    एआजी ग्रुप चेयरमैन आत्माराम गुप्ता, केड़िया ग्रुप के चेयरमैन राजेंद्र केड़िया, आर.टेक ग्रुप के एमडी राजेश यादव और ओके प्लस के डायरेक्टर अजय मोदी ने बताया कि अभी रियल एस्टेट की हालत बहुत अच्छी नहीं है। स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाने से खरीदारों पर बोझ बढ़ेगा। सरकार को स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिए। हालांकि सीएम ने डीएलसी रेट में 10% की कमी और स्टाम्प ड्यूटी को लेकर चल रहे मामलों के लिए एमनेस्टी स्कीम की घोषणा की है। यह राहत है। अगले वर्ष भी डीएलसी रेट में वृद्धि नहीं होगी। इससे कुछ बेहतर होगा। छोटे शहरों के निवेशकों को बढ़ावा मिलेगा।