कोटा। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त एवं संवेदना सेवा समिति, रिसर्च फाउण्डेशन के संरक्षक डाॅ. आरसी साहनी ने कहा है नशा कैंसर का जनक है, लेकिन इसका इलाज संभव है। वैज्ञनिकों ने इसका भी टीका तैयार कर लिया है। लेकिन उसे अपने देश में आने में अभी समय लग रहा है। तम्बाकू,शराब व अन्य मादक पदार्थों के खतरों के प्रति सतत जागरूकता से इस पर रोकथाम की करना संभव है।
विश्व कैंसर दिवस पर डाॅ. साहनी जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्था डाईट में तकनीकी शिक्षा प्रभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि 70 प्रतिशत लोगों को कैंसर का अंतिम अवस्था में पता लगता है।महिलाओं में जरूर पेप टेस्ट के माध्यम से जल्दी पता लग जाता है। 80 प्रतिशत लोगों को मादक पदार्थों के प्रति जागरूक करने पर बचाव संभव है।
इस अवसर पर पर्यावरणविद् बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से हमारा भोजन भी जहरीला होता जा रहा है। कैंसर का रोग समाज में व्यापक रूप ले रहा है। इससे बचाव के लिए ओर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देना जरूरी है। डाईट के प्रभारी व्याख्याता राजेंद्र सिंह चहल ने अतिथियों का स्वागत किया।