रिपोर्ट/ स्मार्टफोन की लत स्टूडेंट्स को पढ़ाई में कर रही फिसड्डी

0
1253

नई दिल्ली। डिजिटल टेक्नॉलजी का एक लिमिट से ज्यादा इस्तेमाल करने वाले स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई के प्रति कम रुचि रखते हैं और टेस्ट से बेचैन हो जाते हैं। इस बात का पता एक स्टडी में चला है, जिसमें बताया गया है कि ऐसे छात्र एक समय पर अकेला भी महसूस करने लगते हैं। जनरल ऑफ कंप्यूटर असिस्टेड लर्निंग में हुए इस शोध में ऐसे 285 स्टूडेंट्स को शामिल किया गया जो हेल्थ से जुड़े एक डिग्री कोर्स की पढ़ाई कर रहे थे।

शोध में उनके डिजिटल टेक्नॉलजी इस्तेमाल के पैटर्न, उनकी चिंता, अकेलापन, पढ़ाई और प्रेरणा का आंकलन किया गया था।यूके की स्वानसी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि इंटरनेट की लत और पढ़ाई के लिए प्रेरणा के बीच एक नकारात्मक रिश्ता है। उनके मुताबिक, जिन छात्रों को इंटरनेट की लत पड़ जाती है उनके लिए पढ़ाई करना कठिन हो जाता है और एग्जाम आने पर ज्यादा बेचैन होने लगते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि इंटरनेट की लत के कारण अकेलापन भी महसूस होता है, जो पढ़ाई कर पाना और मुश्किल बना देता है।

इस शोध के सह-लेखक फिल रीड ने कहा, ‘इन परिणामों से पता चलता है कि इंटरनेट की लत वाले छात्रों को पढ़ाई का मन नहीं करता और जिसकी वजह से परीक्षा में कम नंबर आते हैं।’ करीब एक-चौथाई छात्रों ने माना कि वे हर रोज चार घंटे से ज्यादा समय ऑनलाइन बिताते हैं और बचे हुए छात्रों ने कहा कि वे एक से तीन घंटे रोज ऑनलाइन रहते हैं। स्टडी के मुताबिक, स्टूडेंट्स मुख्यतौर पर इंटरनेट का इस्तेमाल सोशल नेटवर्किंग (40%) और जानकारी प्राप्त करने के लिए (30%) करते हैं।

यह भी पढ़े :’नोमोफोबिया’ (स्मार्टफ़ोन एडिक्शन) एक खतरनाक बीमारी

मिलान यूनिवर्सिटी से एक और सह-लेखक रोबर्टो ट्रूजोली ने कहा, ‘इंटरनेट की लत कई तरह की क्षमताओं जैसे- प्रेरणा नियंत्रण, योजना बनाना, पुरस्कार के लिए संवेदनशीलता को खत्म कर देता है। इस तरह की क्षमताएं कम हो जाने से आप पढ़ाई में भी कमजोर हो जाते हो।’ शोध में इंटरनेट की लत को अकेलेपन से भी जोड़ा गया है, जिसकी वजह से छात्रों के लिए पढ़ाई करना मुश्किल हो जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इंटरनेट की लत और कम सामाजिक मेलजोल मिलकर व्यक्ति को अकेलापन महसूस कराते हैं।