कोटा। जेके लोन सरकारी अस्पताल में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। शुक्रवार सुबह यहां एक और नवजात ने दम तोड़ दिया। जिस बच्ची की मौत हुई, उसका 15 दिन पहले ही जन्म हुआ था। अस्पताल में पिछले 34 दिन में 105 मौतें हो चुकी हैं। इसके बावजूद प्रशासन आँखे मूंदे बैठा है। मामला बिगड़ा तो विरोध के बीच शुक्रवार को चिकित्सा मंत्री कोटा पहुंचे जहां अस्पताल का निरीक्षण कर हालात व व्यवस्थाओं की जानकारी ली ।
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के साथ प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पहुंचे । दोनों के पहुचते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। अस्पताल के बाहर हंगामा हुआ। भाजपा कार्यकर्ता ने विरोध जताते हुए कहा की अस्पताल पहुंच रहे हैं तो प्रशासन ने फीलगुड कराने के लिए रातों-रात अस्पताल का कायाकल्प कर दिया। सभी वार्ड में सफाई और पुताई हो गई। बेड पर नई चादरें बिछा दी गईं। यहां तक कि मंत्री के स्वागत में ग्रीन कारपेट बिछा दिया गया।
अस्पताल में सुबह 8 बजे ही सभी डॉक्टर अपने कमरों में पहुंच गए। मरीजों और उनके परिजन से कहा गया कि वे स्वास्थ्य मंत्री के सामने सब कुछ अच्छा ही बताएं। मंत्री की आवभगत के लिए अस्पताल के मेन गेट पर बिछाए गए ग्रीन कारपेट पर मरीजों और उनके परिजन ने आपत्ति जताई। मरीजों का कहना था कि मंत्रीजी यहां किसी उद्घाटन समारोह में आ रहे हैं या अस्पताल की समस्याएं दूर करने?
जिन मासूमों की मौत हुई, उनके परिजन बोले- जेके लोन अस्पताल में मंत्री के लिए ग्रीन कारपेट बिछाने से क्या बीत रही, हमसे पूछें। जेके लोन कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है।
पिछले महीने जेके लोन अस्पताल में बच्चे लगातार दम तोड़ते रहे, लेकिन मंत्री रघु शर्मा खुद कोटा जाने की बजाए जयपुर में बयानबाजी कर पिछली भाजपा सरकार के वक्त बच्चों की मौतों का आंकड़ा बताते रहे। जब 25 दिसंबर के बाद आंकड़ा अचानक बढ़ने लगा तो उन्होंने सिर्फ एक जांच कमेटी को कोटा भेजकर इतिश्री कर ली। इसकी रिपोर्ट पर सिर्फ कुछ डॉक्टरों को इधर-उधर किया गया।