बिना फास्टैग वाले वाहनों को एक महीने की राहत

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    नई दिल्ली। सरकार ने बिना फास्टैग वाले वाहनों को एक महीने की और राहत दे दी है। इस बार फास्टैग लागू करने की समय सीमा तो नहीं बढ़ाई गई है। लेकिन बिना फास्टैग वाले वाहनों की अधिक जाम का सामना करने वाले टोल प्लाजा पर हाइब्रिड लेन बढ़ाए जाने की अनुमति दी गई है।

    सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शनिवार को नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को भेजे गए एक पत्र में कहा है कि टोल प्लाजा पर ट्रैफिक की स्थिति को देखते हुए 25 फीसदी से अधिक फास्टैग लेन को अस्थाई तौर पर हाइब्रिड लेन में नहीं बदला जा सकता है। मंत्रालय ने एनएचएआई को ऐसा करने की सुविधा सिर्फ एक महीने के लिए दी है। हाइब्रिड लेन पर फास्टैग सहित दूसरे माध्यम से भुगतान किया जा सकता है।

    कम से कम 75 फीसदी लेन फास्टैग के लिए अनिवार्य
    एक रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने कहा है कि देश में टोल प्लाजा पर कम से कम 75 फीसदी लेन पर टोल की वसूली निश्चित रूप से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से होनी चाहिए। सरकार ने पहले एक दिसंबर से सभी नेशनल हाइवे पर 100 फीसदी फास्टैग अनिवार्य कर दिया था। 29 नवंबर को सरकार ने इस समय सीमा को बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दिया था।

    इसके बाद सरकार ने टोल प्लाजा पर एक लेन को हाइब्रिड रखने का निर्देश दिया था। अब सरकार ने हाइब्रिड लेन का अनुपात बढ़ाकर अधिकतम 25 फीसदी कर दिया है। यानी यदि आठ लेन हैं, तो जरूरत पड़ने पर अधिकतम दो लेन को हाइब्रिड बनाया जा सकता है। यह सुविधा सिर्फ एक महीने के लिए होगी।

    ऊंचे शुल्क से मिलेगी कुछ समय की राहत
    मंत्रालय के इस फैसले से बिना फास्टैग वाले वाहनों को हाइब्रिड लेन पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। फास्टैग वाले लेन में बिना फास्टैग वाले वाहनों को दोगुना शुल्क देने का नियम है। हाइब्रिड लेन की संख्या बढ़ने से बिना फास्टैग वाले वाहनों को दोगुना शुल्क देने से भी कुछ समय की राहत मिल जाएगी।