नई दिल्ली। सोने के गहनों की हॉलमार्किंग 15 जनवरी 2021 से अनिवार्य होगी। हालांकि, नोटिफिकेशन 15 जनवरी 2020 को जारी हो जाएगा, लेकिन ज्वेलर्स को 1 साल का वक्त मिलेगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को ये जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस नियम को लागू करने के लिए एक साल का वक्त इसलिए दिया जाएगा ताकि निजी कारोबारी हॉलमार्किंग सेंटर स्थापित कर सकें, ज्वेलर्स के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाए और कारोबारी स्टॉक क्लीयर कर सकें। इसके बाद यानी 15 जनवरी 2021 से हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी।
एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पारित बीआईएस कानून के मुताबिक हॉलमार्किंग के नियम तोड़ने वालों पर न्यूनतम 1 लाख रुपए से ज्वेलरी की वैल्यू के 5 गुना तक जुर्माने और एक साल की सजा का प्रावधान है।
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का पैमाना होता है। देश के 234 जिलों में अभी 877 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। सिर्फ 40% ज्वेलरी की हॉलमार्किंग होती है। पासवान ने बताया कि एक साल में सभी जिलों में सेंटर शुरू करने और सभी ज्वेलर को रजिस्टर करने का लक्ष्य है। अभी सिर्फ 26,019 ज्वेलर के पास बीआईएस रजिस्ट्रेशन है।
जानिए हॉलमार्क ज्वेलरी की शुद्धता
999 – 24 कैरेट
958 – 23 कैरेट
916 – 22 कैरेट
875 – 21 कैरेट
750 – 18 कैरेट
708 – 17 कैरेट
585 – 14 कैरेट
417 – 10 कैरेट
375 – 9 कैरेट
333 – 8 कैरेट
देश में सालाना 700-800 टन सोने का आयात
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) द्वारा हॉलमार्क गोल्ड ज्वेलरी पर बीआईएस का निशान होता है। इससे यह पता चलता है कि लाइसेंसधारक लैब में सोने की शुद्धता की जांच की गई है। बीआईएस की वेबसाइट के मुताबिक यह देश में एकमात्र एजेंसी है जिसे सोने के गहनों की हॉलमार्किंग के लिए सरकार से मंजूरी प्राप्त है।
कई ज्वेलर बीआईएस की सेवा लेने की बजाय खुद हॉलमार्किंग करते हैं इसलिए खरीदारी से पहले यह जान लेना चाहिए कि ज्वेलरी बीआईएस हॉलमार्किंग है या नहीं। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा सोना आयात करता है। देश में सालाना 700-800 टन सोना आयात होता है।