कोटा। कुपोषण मुक्त भारत बनाने की शुरुआत कोटा से होगी । इसको लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। दिसम्बर में संसदीय सत्र खत्म होने के बाद कोटा में एक वृहद स्तर पर चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा। हालांकि अभी तिथि निर्धारित नहीं हुई, लेकिन इसमें 50 डॉक्टर्स की टीम जुटेगी, वह 3 हजार महिलाओं का नि:शुल्क जांच कर परामर्श देगी। उनमें कुपोषित महिलाओं का चयन कर उनका चिकित्सा कार्ड बनाया जाएगा।
जननी सोशल वर्क एंड हैल्थ संस्था के अध्यक्ष डॉ. विपिन योगी ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष की पहल पर प्रत्येक मां को सुपोषित बनाने के लिए स्वयं के निर्देशन में जन सहभागिता से कार्य शुरू करने जा रहे हैं। इसमें प्रत्येक महीने कुपोषण को दूर करने के लिए चयनित महिलाओं को उसके अनुसार खुराक दी जाएगी, ताकि गर्भवती महिलाएं स्वस्थ रहने के साथ होने वाला बच्चा भी स्वस्थ हो सके। इसकी देखरेख पूरे वर्षपर्यंत चलेगी। इसमें नि:शुल्क चिकित्सा सेवाओं के साथ उन्हें संतुलित भोजन के लिए सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।
हम आपको बता दें कि भामाशाह मंडी में आयोजित अभिनन्दन समारोह में बिरला ने लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद भारत को कुपोषण मुक्त बनाने के आह्वान किया था। जिसकी शुरुआत कोटा से करने के लिए भामाशाहमंडी के व्यापारियों ने जनसहभागिता का भी वचन दिया था। इस मामले में शुक्रवार को कोटा प्रवास पर रहे लोकसभा अध्यक्ष से उनके आवास पर जनसुनवाई के समय डॉ. योगी के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेेशक डॉ.आरके लवानिया, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक शारदा, डॉ. सुनीता योगी, डॉ. रक्षा शर्मा, डॉ. दीप्ति, बाल विकास अधिकारी कृष्णा शुक्ला समेत पूरी टीम उनसे मिली।