नई दिल्ली। केंद्र सरकार श्रम सुधारों की दिशा में कई कदम उठा रही है। इसके लिए सरकार ने नया वेज कोड ड्राफ्ट पेश कर दिया है। इस वेज कोड में कामगारों के लिए घंटे, श्रेणी आदि का प्रस्ताव दिया गया है। श्रम मंत्रालय ने इस वेज कोड पर सभी संबंधित पक्षों से अपने सुझाव रखने को कहा है।
मौजूदा समय में कई कंपनियों अपने कर्मचारियों को दी जाने वाली सैलरी की एवज में स्लिप नहीं देती हैं। इससे कर्मचारियों के पास आय का कोई सबूत नहीं होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए नए वेज कोड ड्राफ्ट में अनिवार्य रूप से सैलरी स्लिप देने का प्रस्ताव किया गया है।
ड्राफ्ट में कहा गया है कि अब हर कंपनी या एम्पलॉयर को कर्मचारियों को किए जाने वाले भुगतान के एवज में वेज स्लिप (सैलरी स्लिप) देनी होगी। ड्राफ्ट के अनुसार कंपनियों को यह स्लिप इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट या फिर सेक्शन-50 के सब सेक्शन-3 में दिए गए फॉर्म-5 के फॉर्मेट में देनी होगी। ड्राफ्ट में यह सैलरी स्लिप वेतन भुगतान के समय या इससे पहले देने का प्रस्ताव पेश किया गया है।
श्रम मंत्रालय ने नए वेज कोड ड्राफ्ट पर लोगों के सुझावों के लिए 1 नवंबर को पेश किया था। मंत्रालय ने 30 दिनों के अंदर अपने सुझाव देने को कहा है। माना जा रहा है कि सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इस बिल को पेश कर सकती है। आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा।