कोटा। महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी का सबसे बड़ा कारण गलत खान-पान है। यह जानकारी इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन वुमन्स डाॅक्टर विंग की ओर से शनिवार को जेडीबी गर्ल्स काॅलेज में एनीमिया को लेकर आयोजित व्याख्यान के दौरान दी गई। विंग की सचिव तथा मेडिकल काॅलेज कोटा में प्रोफेसर डाॅ. सुधा पंकज ने एनीमिया के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में बताया ।
उन्होंने कहा कि अधिकांश महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है। लगभग 57 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित रहती हैं। इनमें से 7 में से एक महिला ऐसी होती है, जिसमें हीमोग्लोबिन की मात्रा 7 ग्राम प्रति डीएल है। एक स्वस्थ महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 11-12 ग्राम प्रति डीएल होना चाहिए।
महिलाओं में खून की कमी का सबसे बड़ा कारण गलत खान-पान है। वहीं पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होने के कारण भी यह समस्या हो जाती है। इसके अलावा प्रैग्नेंट महिलाओं को भी यह प्रॉब्लम अधिक हो जाती है। इस दौरान एक क्विज का भी आयोजन हुआ और विजेता छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में वुमन्स विंग की अध्यक्ष डाॅ. अंशु सरदाना, डाॅ. राजेश शर्मा, डाॅ. माधुरी मीरी, डाॅ. दीप्ति सुखेजा, जेडीबी काॅलेज की प्राचार्या रूपवती पिपल, डाॅ. अर्चना विजय, डाॅ. अनिता माहेश्वरी समेत अनेक छात्राएं मौजूद थीं ।