नई दिल्ली। भारत उन 20 देशों की सूची में शामिल है जिसने ‘इज ऑफ डुइंग बिजनस’ के क्षेत्र में सबसे अधिक सुधार किया है। विश्व बैंक फाइनल रैंकिंग 24 अक्टूबर को जारी करेगा। भारत ने ‘इज ऑफ डुइंग बिजनस’ को चार क्षेत्रों में आसान किया है- बिजनस शुरू करना, दिवालियापन का समाधान करना, सीमा पार व्यापार और कंस्ट्रक्शन की मंजूरी।
विश्व बैंक ने टॉप-20 परफॉर्मर्स की सूची जारी की है। मई 2019 को समाप्त हो रही 12 महीने की अवधि के दौरान उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया है। छोटे और मध्यम उद्योग अपना व्यवसाय कर सकें, इस दिशा में सुधार के लिए इन देशों ने सबसे अधिक प्रगति की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन-कॉर्पोरेशन फॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मेमोरेंडम ऑफ असोसिएशन को भरने में लगने वाली फीस को खत्म कर देने के कारण अब बिजनस शुरू करना ज्यादा आसान हो गया है। सभी सरकारी एजेंसियों को एक ऑनलाइन सिस्टम के साथ जोड़ देने और पोर्ट इक्विपमेंट व इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड कर देने से व्यापार आसान हो गया है।
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, ‘भारत की इस साल की उपलब्धि कई सालों के सुधार के प्रयास पर टिकी हुई। 2003-04 से भारत ने इज ऑफ डुइंग बिजनस के लिए 48 सुधारों को लागू किया है।’ वर्ल्ड बैंक का कहना है कि टॉप 20 की सूची में व्यवसाय के लिए कोई आर्थिक आकर्षण नहीं दिखा, यह सिर्फ 10 विभिन्न नियामक क्षेत्रो में सुधार पर आधारित है।
उल्लेखनीय है कि 2018 में भारत इज ऑफ डुइंग बिजनस की लिस्ट में 77वें स्थान पर पहुंच गया था, जबकि यह 2017 में 100वें स्थान पर था। सरकार का लक्ष्य इज ऑफ डुइंग बिजनस के मामले में टॉप 50 में स्थान बनाना है। पाकिस्तान की बात करें तो इसने छह क्षेत्रों में इसने सुधार किया है। वहीं, सुधार करने वाले देशों में चीन, म्यांमार और बांग्लादेश भी शामिल है।