आर्थिक मंदी की चिंता में बाजार पांच महीने के निचले स्तर पर, सेंसेक्स 587 अंक लुढ़का

0
618

मुंबई। सुस्त होती अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत को स्टिम्युलस (राहत) पैकेज देने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कोई प्रतिबद्धता न जताए जाने के बाद गुरुवार को शेयर बाजार में 1.50 फीसदी से अधिक की गिरावट देखी गई और इसने पांच महीने के निचले स्तर पर को छू दिया। रियल्टी, मेटल, ऑटोमोबाइल कंपनियों तथा सरकारी बैंकों के शेयरों में सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के 30 कंपनियों के शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 587.44 अंक (1.59%) लुढ़ककर 36,472.93 पर बंद हुआ।

वहीं, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 कंपनियों के शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 180.95 अंकों (1.67%) की गिरावट के साथ 10,737.75 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 37,087.58 का ऊपरी स्तर और 36,391.35 का निचला स्तर छुआ, जबकि निफ्टी ने 10,908.25 का उच्च स्तर और 10,718.30 का निम्न स्तर छुआ।

बीएसई पर महज चार कंपनियों के शेयर ही हरे निशान पर बंद हुए, जबकि बाकी 26 कंपनियों के शेयर लाल निशान पर बंद हुए। वहीं, एनएसई पर भी मात्र सात कंपनियों के शेयरों में लिवाली, जबकि 43 कंपनियों के शेयरों में बिकवाली दर्ज की गई।

सरकार द्वारा सरचार्ज में बढ़ोतरी से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) पहले से ही नाराज हैं और पिछले कुछ दिनों में इसका असर शेयर बाजार पर उनके द्वारा भारी बिकवाली के रूप में देखा जा चुका है। इसके अलावा कई और कारक हैं, जिन्होंने गुरुवार को हुई भारी बिकवाली में अपनी अहम भूमिका निभाई है।

स्टिम्युलस पैकेज पर सरकार की आनाकानी
सुस्त होती अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से उद्योग जगत को स्टिम्युलस पैकेज देने को लेकर कोई पहल की खबर नहीं आने से बाजार में बिकवाली को बल मिला। दरअसल, निवेशक स्टिम्युलस पैकेज का बेहद बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने अर्थव्यवस्था के लिए कोई स्टिम्युलस पैकेज देने की बात से साफ इनकार करते हुए कहा कि ‘मुनाफा निजी और नुकसान सार्वजनिक’ की अवधारणा अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।

कमजोर वैश्विक संकेत
एशियाई तथा यूरोपीय बाजारों में गिरावट का असर घरेलू शेयर बाजार भी पड़ा, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकट बढ़ने से निवेशक खासे चिंतित दिखाई दे रहे हैं।

भारतीय उद्योग जगत पर भारी पड़ रही आर्थिक सुस्ती
केयर रेटिंग की रिपोर्ट सामने आने के बाद निवेशकों के रुझानों को और झटका लगा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जारी आर्थिक सुस्ती ने कॉरपोरेट सेक्टर को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है, इसके अलावा जून तिमाही में कंपनियों की आय तथा मुनाफा दोनों में भारी गिरावट देखी गई है।

जैक्शन होल सिंपोजियम से पहले निवेशक चिंतित
दिन में बाद में शुरू होने वाले जैक्शन होल सिंपोजियम (फेडरल रिजर्व की आर्थिक परिचर्चा) से पहले निवेशक काफी चिंतित दिखे। परिचर्चा में निवेशकों की निगाहें फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों पर टिकी होंगी, जिसमें यह संकेत मिल सकता है कि अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए केंद्रीय बैंक रेट में और कटौती करेगा या नहीं।

रुपये में कमजोरी
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 42 पैसे की कमजोरी शेयर बाजार पर भारी पड़ी। गुरुवार के सत्र में रुपये ने 71.97 का निचला स्तर छुआ।

इन शेयरों में रही तेजी
बीएसई पर टेक महिंद्रा के शेयर में सर्वाधिक 1.57 फीसदी, टीसीएस में 1.33 फीसदी, हिंदुस्तान लीवर में 1.03 फीसदी तथा एचसीएल टेक के शेयर में 0.58 फीसदी की तेजी देखी गई। वहीं, एनएसई पर ब्रिटानिया के शेयर में सर्वाधिक 1.72 फीसदी, टेक महिंद्रा में 1.52 फीसदी, डॉ. रेड्डी में 1.20 फीसदी, टीसीएस में 1.09 फीसदी तथा हिंदुस्तान यूनिलीवर में 1.03 फीसदी की मजबूती देखी गई।

इन शेयरों में गिरावट
बीएसई पर यस बैंक के शेयर में सर्वाधिक 13.91 फीसदी, वेदांता लिमिटेड में 7.76 फीसदी, बजाज फाइनैंस में 4.39 फीसदी, टाटा मोटर्स में 4.14 फीसदी तथा टाटा मोटर्स डीवीआर के शेयर में 3.78 फीसदी की कमजोरी देखी गई। वहीं, एनएसई पर भी यस बैंक के शेयर में सर्वाधिक 12.16 फीसदी, वेदांता लिमिटेड में 7.61 फीसदी, बजाज फाइनैंस में 5.20 फीसदी, इंडियाबुल हाउजिंग फाइनैंस में 5.18 फीसदी तथा बजाज फाइनैंस में 4.52 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।