सार्वजनिक शौचालयों में यौन हिंसा रोकने के लिए सेंसर और वेट अलॉर्म

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one caucasian couple man and woman expressing domestic violence in studio silhouette on white background

वेल्स टाउन। छोटे शहरों के वॉशरूम में यौन हिंसा रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। वेल्स के समुद्री शहर पोर्सकॉल में इसके लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। सार्वजनिक शौचालयों में यौन हिंसा की घटना रोकने के लिए 2 लाख डॉलर से अधिक की रकम खर्च की जाएगी।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, शौचालयों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। वॉशरूम को सुरक्षित बनाया जाएगा ताकि वहां अप्रिय गतिविधि या फिर किसी तरह की हिंसक वारदात को अंजाम नहीं दिया जा सके।

सुरक्षा अलार्म और पानी की बौछार
वॉशरूम की सुरक्षा इस तरह से की जाएगी किसी भी यौन हिंसा या हिंसा की घटना पर सुरक्षा अलार्म बज उठेगा। इसके साथ ही पानी की बौछार भी चलने लगेगी और दरवाजे सुरक्षा के लिए अपने आप खुल जाएंगे। सुरक्षा बलों तक आवाज पहुंच सके इसके लिए बहुत तेज आवाज का अलॉरम भी बजेगा। टॉइलट के अंदर वेट सेंसर्स भी होंगे ताकि सुरक्षा का स्तर बढ़ाया जा सके। वेट अलॉर्म लगाने की वजह है कि एक बार में वॉशरूम का प्रयोग कोई एख शख्स ही कर सके।

बहुत देर तक गेट बंद रहने पर भी बजेगा अलॉर्म
वॉशरूम में सेक्स हिंसा नहीं की जा सकी इसके लिए और भी कई पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। अगर बाथरूम में काफी वक्त तक के लिए गेट बंद रहा तो भी सुरक्षा अलॉर्म बजने लगेंगे। इतना ही नहीं वॉशरूम की बिजली और तापमान का कनेक्शन भी काट दिया जाएगा।

सुरक्षा के साथ ही प्रशासन की कोशिश है कि कुछ लोग वॉशरूम का प्रयोग सोने के लिए करते हैं, जो अब नहीं कर सकेंगे। फ्लोर वॉटर भी वॉशरूम की सुरक्षा के लिए मददगार बनेंगे। इसके साथ ही वॉशरूम में धूम्रपान रोकने के लिए सेंसर का प्रयोग किया जाएगा।

कुछ सुरक्षा उपायों का हो रहा है विरोध
शहर के काउंसलर माइक क्लार्क ने कहा कि शहर में वॉशरूम सुधार हमारी प्राथमिकता है। हमें उम्मीद है कि शहरवासियों के लिए सार्वजनिक शौचालय की सुरक्षा बेहतर होगी। हालांकि, कुछ सुरक्षा उपायों की काफी आलोचना भी हो रही है। कुछ लोगों का कहना है कि बहुत थके हुए व्यक्ति वॉशरूम का प्रयोग सोने के लिए कर लेते हैं। इसके बावजूद भी उन्हें कुछ पल झपकी लेने के लिए देने के स्थान पर तकनीक का प्रयोग कर प्रताड़ित किया जाता है।