कोटा। मूल नायक भगवान की वेदी पर पावन अर्घ चढ़ाते हैं… इस जग की माया नगरी से रिश्ता तोड़ लिया मैंने… गुरुवर से नाता जोड़ लिया मैंने…” संगीतमय सिद्ध भक्तामर विधान गुरुवार को रानपुर स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में आयोजित किया गया।
आचार्य प्रज्ञासागर महाराज के सान्निध्य में भक्तामर विधान प्रारंभ हुआ। सकल दिगंबर जैन समाज की 200 से अधिक महिलाओं ने विधान किया। सिद्ध परमेष्ठी के अड़तालीस गुणों की पूजा अर्घ देकर संपन्न की गई। जिसमें उनके अनंत दर्शन, ज्ञान, अवगाहनत्व, अनंत वीर्यत्व, अव्याबाधत्व आदि अनंत गुणों से युक्त सिद्धस्वरूप को नमस्कार किया गया। प्रतिष्ठाचार्य ने संपूर्ण अनुष्ठान में भक्तिभाव से इंद्र-इंद्राणियों को जोड़ा। उन्होंने सिद्ध परमेष्ठी के गुण-धर्म की आध्यात्मिक शास्त्रीय विवेचना की।
नवीन जैन ने बताया कि प्रातःकाल शांतिधारा की गई, जिसके पुण्यार्जक परिवार संजय-काव्या जैन, चंदाबाई, मनीष, जिनेश सुरलाया परिवार रहा। दीपप्रज्वलन मनोज जैसवाल परिवार ने किया। वहीं पादप्रक्षालन का सौभाग्य मनोरमा बाई, खुशाल,नवीन जैन खरोड़ परिवार तथा शास्त्र भेंट का पुण्यार्जक परिवार अमृत, ताराचंद, रौनक, चंदाबाई, मनीष, जिनेश तथा बालचंद, अभिनव सुरलाया परिवार को प्राप्त हुआ। शाम को गुरुदेव द्वारा आनंद विहार किया गया।
पर्यावरण महोत्सव आज
यतीश जैन खेड़ावाला ने बताया कि आचार्य प्रज्ञासागर महाराज ने आगामी 25 वर्षों में 1 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य बनाया है। वह जिस स्थान पर भी विहार करते हैं, उसी स्थान पर पौधारोपण करते हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पौधारोपण करेंगे। उन्होंने बताया कि सकल दिगम्बर जैन समाज व रानपुर जैन समाज हाथों में पौधे लिए विद्यालय तक कतारबद्ध होकर पहुंचेगा।