नशामुक्ति केन्द्र की आड़ में चला रखा था नशे का कारोबार

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कोटा। अपने मामा पर विश्वास करके निजी संस्थान सौंपना रविन्द्र सिंह को भारी पड़ गया। रविन्द्र सिंह चिकारा बुधवार को मीडिया के सामने आए और अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अपनी मां के नाम से रजिस्टर्ड संस्था सुशीला देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा दादाबाड़ी में नशामुक्ति केन्द्र संचालित किया जा रहा है। जिसका संचालन का कार्य बतौर रिसेप्शनिस्ट हरियाणा निवासी मामा तेजवीर मलिक को सौंपा था।

तेजवीर मलिक के द्वारा केन्द्र पर कब्जा करने की नीयत से फर्जी कागज तैयार किए गए और कब्जे की असफल कोशिश भी की गई। वहीं बिना जानकारी के अवैध नशे का कारोबार किया जाने लगा। अपनी मां के नाम से चलने वाले ट्रस्ट में ऐसा कारोबार करने से रोका तो धमकियां मिलने लगी।

रविन्द्र सिंह ने कहा कि नशामुक्ति केन्द्र पर तेजबीर के द्वारा वहां अवैध नशे का कारोबार किया जाने लगा था। जिसके तहत मलिक दिल्ली निवासी डाॅ. अभिषेक कपूर के बिना नाम लिखे प्रिन्टेड पर्चे पर नशीली दवा लिखकर बेचने लगा था। इस पर्चे पर प्रतिबंधित दवा एडनोक एन और अन्य दवाओं के नाम पूर्व में प्रिन्टेड हैं, जिन पर मरीज का नाम लिखकर तेजबीर मलिक नशे का कारोबार कर रहा था।

इसके बारे में टोका तो उसने अन्य स्थान से अवैध करोबार करना शुरू कर दिया। इसके बाद तेजबीर मलिक को नशामुक्ति केन्द्र से दूर रहने को कह दिया तो वह धमकियां देने लगा। इस संबंध में शहर पुलिस अधीक्षक को इस्तगासा दिया गया है।

रविन्द्र सिंह ने कहा कि तेजबीर मलिक के नीमकाथाना सीकर में चल रहे नशामुक्ति केन्द्र पर भी प्रतिबंधित दवाओं का जखीरा पुलिस के द्वारा बरामद किया गया था। जहां नवज्योति नशामुक्ति पुनर्वास केन्द्र संचालित किया जा रहा था। जहां मरीजों को नशा छुड़ाने के नाम पर अवैध और प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कराया जा रहा था। वहां पुलिस की कार्रवाई अभी भी चल रही है।

रविन्द्र सिंह ने कहा कि नशामुक्ति केन्द्र का किरायानामा और संस्था का एग्रीमेंट कराया था। लेकिन तेजबीर मलिक के द्वारा कब्जे की नीयत से बिजली और टेलीफोन का कनेक्शन अपने नाम से करा लिया। संस्था के नाम से बिना जानकारी के ही पांच पार्टनर बना दिए गए। जिनसे लाखों रूपए लेकर उनके साथ धोखाधड़ी की।

जिसकी शिकायत सतीश स्वामी ने किशनगढ, अजमेर और कोटा में पुलिस को दी है। इसके अलावा अमित सिंह राव, विजेन्द्र यादव, अशोक कुमार, राहुल सांगवान, विजेन्द्र शेरा, जिशान, खालिद खान समेत एक दर्जन लोगों से भी पार्टनरशिप के नाम पर लाखों रूपए की धोखाधड़ी की है। जिनमें से कुछ लोगोंने शिकायत दी है और कुछ लोग डरे सहमे हुए हैं।

तेजबीर मलिक के द्वारा बेरोजगार और जरूरतमंदों के साथ धोखाधड़ी का धंधा किया जाता रहा है। पंजाब, हरियाणा, मुम्बई में भी तेजबीर मलिक के द्वारा आपराधिक कृत्य किए गए हैं। जिनकी वहां स्थानीय पुलिस के द्वारा जांच की जा रही है। तेजबीर मलिक ने पूर्व में नरवाणा, पिलानी, जिंद, नारनौल, नीम का थाना और किशनगढ में नशामुक्ति केन्द्र खोलकर अवैध नशीली दवा का व्यववसाय किया और पार्टनरशिप देने के नाम पर कईं लोगों से वसूली भी की।