नई दिल्ली। बजट 2019 को लोकसभा में पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईमानदारी से टैक्स देनेवालों को धन्यवाद दिया और कहा कि वे देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, टैक्स के रूप में जिनके मूल्यवान योगदान की वजह से देश का चहुंमुखी विकास हो पा रहा है। उन्होंने अंतरिम बजट में 5 लाख तक की सालाना टैक्सेबल आमदनी वालों को टैक्स से पूरी तरह से राहत देने की घोषणा को दोहराया है।
हालांकि, जिनकी सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख से ज्यादा है वे इस छूट के दायरे में नहीं आएंगे क्योंकि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ये और बात है कि घर या ई-वीकल्स खरीदने पर टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त टैक्स छूट का फायदा मिलेगा।
ई-वीकल्स खरीदने वालों को ऑटो लोन पर डेढ़ लाख रुपये तक के ब्याज पर इनकम टैक्स से छूट मिलेगी। इसके अलावा अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत घर खरीदने के लिए लिए गए लोन के ब्याज पर डेढ़ लाख की अतिरिक्त छूट मिलेगी। यानी अब 45 लाख रुपये तक का घर खरीदने पर लोन के ब्याज पर मिलने वाली कुल छूट अब 2 लाख से बढ़कर 3.5 लाख हो गई।
मोदी सरकार ने भले ही टैक्स स्लैब नहीं बदलता है लेकिन ज्यादा कमाई करने वालों को झटका दिया है। अब 2 से 5 करोड़ रुपये सालाना कमाने वालों पर 3 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगेगा और साथ ही 5 करोड़ रुपये से अधिक कमाने पर 7 फीसदी अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
इसके अलावा अगर कोई बैंक से एक साल में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2% का TDS लगाया जाएगा। यानी सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे।
इनकम टैक्स स्लैब ( Income Tax Slab) में कोई बदलाव नहीं किया गया है और इसे आप नीचे के टेबल देखकर समझ सकते हैं कि कितनी आमदनी वाले किस स्लैब में आएंगे।
5 लाख तक की सालाना टैक्सेबल इनकम पर टैक्स न लगने को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि 80C से लेकर 80U के तहत आने वाले सभी डिडक्शन के बाद भी अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये से अधिक रहती है तो आपको टैक्स देना होगा अन्यथा कोई टैक्स नहीं देना होगा।