कोटा। हर दुर्घटना घटित होने से पूर्व संकेत देते है चाहे वह बड़ी हो छोटी उसके प्रति लापरवाही से हम दुर्घटना का शिकार हो जाते है। आपके लाइट के स्विच में स्पार्किंग होने से पहले वह काला होता है। यही बात बडी दुर्घटनाओं में भी होती है। भोपाल त्रासदी से पूर्व वहां भी गैस रिवाव कुछ माह पूर्व हुआ था, जिसे गंभीरता से नहीं लिया गया। अपने जीवन में इन लापरवाही से हम दुर्घटना के शिकार बन जाते हैं।
यह बात डीसीएम श्रीराम के सीनियर मेनेजर सेफ्टी ने विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर दीएसएसआई एसोसिएशन द्वारा फायर एण्ड सेफ्टी अवयनेस, ई वेस्ट मेनेजमैंट, ई—कॉर्मस सेफ्टी व डिजीटल अवेयनेस पर आयोजित सेमिनार में कही।
फायर ऑफिसर अमित कटारा ने आग लगने पर उसे कैसे काबू पाया जाए, किन उपकरणों का इस्तेमाल हो ओर उन्हें लम्बे समय तक कैसे काम में लिया जाए, इसके बारे में विस्तार से बताया। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर पानी के दोहन व भविष्य की आवश्यकता पर नई महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होने बताया कि पृथ्वी पर पीने योग्य मात्र 3 प्रतिशत पानी बचा है, इसका सावधानी से उपयोग जरूरी है।
राजस्थान इंटरनेट प्रोवाईडर के अध्यक्ष कृष्णकांत अग्रवाल ने डेटा व साईबर सुरक्षा पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचाव के तरीके बताये । पंजाब नेशनल बैंक के AGM अनिल भारती ने चैक व आरटीजीएस के इस्तेमाल पर सावधानी रखने की सलाह दी। उद्योग नगर थाने के सी आई विजय शंकर शर्मा ने धोखाधडी होने के कारणों और उनके निवारणों को लेकर जागरूक किया। अपने बैंकिंग पासवर्ड व लिंक के माध्यम से होने वाले फ्रोड को रोकने व दुर्घटना के बाद के कदम पर चर्चा की।
संस्थान के अध्यक्ष कमलदीप व दीपक मेहता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर किये जाने वाले सौदों पर होने वाले बिना ओटीपी के ट्रांजेक्शन होने, फेक ई मेल से बचने और अपने पासवर्ड किसी से सांझा नहीं करने की सलाह दी । प्रोग्राम के डायरेक्टर केके अग्रवाल, रवि अग्रवाल, उमेश गोयल ने सभी वक्ताओ का स्वागत किया। कार्यक्रम में संस्थान के गोविंद राम मित्तल,अचल पोद्दार, मुकेश गुप्ता, डी एन नैनानी, विपिन सूद सहित कई सदस्य व पूर्व अध्यक्ष मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन दीपक मेहता एवं रवि निमोदिया ने किया।