नई दिल्ली। ट्रेड वार की चिंताओं के बीच ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स में गिरावट से भारत भी अछूता नहीं रहा है। इसके चलते भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर बीते 4 ट्रेडिंग सेशन में लगभग 4 फीसदी टूट गया। इसके चलते आरआईएल (RIL) की मार्केट वैल्यू लगभग 10 अरब डॉलर यानी 70 हजार करोड़ रुपए घट गई। इसके साथ ही आरआईएल (RIL) की मार्केट वैल्यू के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी के तौर पर बादशाहत भी छिन गई।
RIL को पछाड़ TCS बनी देश की सबसे बड़ी कंपनी
बीते 4 ट्रेडिंग सेशंस से चली आ रही गिरावट के चलते आरआईएल मार्केट वैल्यू के मामले में टाटा ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेस (TCS) से पीछे छूट गई। इस प्रकार गुरुवार को आरआईएल (RIL) का 3.50 फीसदी की गिरावट के साथ 1254 रुपए पर कारोबार कर रहा है और कंपनी की वैल्युएशन घटकर 7.95 लाख करोड़ रुपए रह गई। वहीं टीसीएस (TCS) 8.14 लाख करोड़ रुपए की वैल्युएशन के साथ देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी बन गई है।
ऐसी रही आरआईएल के शेयर की चाल
सुबह आरआईएल का शेयर लगभग 1 फीसदी की गिरावट के साथ 1286 रुपए पर खुला। हालांकि, दोपहर तक गिरावट बढ़ती गई। फिलहाल शेयर लगभग 3.50 फीसदी की गिरावट के साथ 1256 रुपए पर कारोबार कर रहा है। बीती 3 मई के क्लोजिंग प्राइस से तुलना करें तो कंपनी का शेयर लगभग 10 फीसदी टूट चुका है, जिससे कंपनी की वैल्युएशन 10 अरब डॉलर घट चुकी है।
मॉर्गन स्टैनली ने डाउनग्रेड किया शेयर
इस बीच ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टैनली () ने आरआईएल के शेयर को डाउनग्रेड करते हुए ‘इक्वलवेट’ रेटिंग दी है और 1,349 रुपए का टारगेट दिया है। वहीं आरआईएल के बढ़ते कर्ज और रिफाइनिंग मार्जिन में कमी से भी इन्वेस्टर्स की चिंताएं बढ़ गई हैं। मॉर्गन स्टैनली ने अपनी 8 मई को जारी एक रिपोर्ट में कहा, ‘हमें उम्मीद है कि आरआईएल की अर्निंग्स में दो साल से दिख रही बढ़ोतरी पर सुस्ती की मार पड़ सकती है।
वहीं क्रूड मार्केट में बिगड़ते हालात के बीच इन्वेस्टर्स रिफाइनिंग की बढ़ती दिक्कतों को अनदेखा कर रहे हैं। ऐसे में कैपेसिटी में विस्तार नहीं होने से कंपनी के कोर बिजनेस में सीमित ग्रोथ नजर आती है।’ ब्रोकरेज हाउस ने कहा, ‘वित्त वर्ष 17 से 19 के बीच 17 फीसदी सीएजीआर के बाद वित्त वर्ष 2020 में अर्निंग ग्रोथ आधी रहने का अनुमान है।’
कर्ज बढ़ने से बढ़ी चिंताएं
मार्च तिमाही में आरआईएल का रिफाइनिंग मार्जिन 8.2 डॉलर प्रति बैरल के साथ 17 तिमाही के निचले स्तर पर पहुंच गया। वहीं जियो की लॉन्चिंग के बाद से अब तक भारी पूंजी खर्च के चलते आरआईएल का कर्ज खासा बढ़ गया है, जो 31 मार्च तक 2.87 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। वहीं 31 मार्च, 2018 यह 2.18 लाख करोड़ रुपए के आसपास था।